मुंबई, एससी संवाददाता : ‘गोलियों की रास लीला राम-लीला’ की क़ामयाबी का जहां दीपिका पादुकोँणे जश्न मना रही हैं वहीं एक एक्ट्रेस ऐसी भी है, जो अफ़सोस मना रही होंगी। ये मोहतरमा हैं करीना कपूर। जी हां, अगर करीना ने नख़रे ना दिखाए होते, तो ‘लीला’ वही होतीं, और आज ‘गोरी तेरे प्यार में’ की फेल्योर की जगह ‘राम-लीला’ की सक्सेस सेलिब्रेट कर रही होतीं।
संजय लीला भंसाली ने दीपिका से पहले ये फ़िल्म करीना को ही ऑफ़र की थी, पर काफी वक़्त तक लटकाने के बाद बेबो ने फ़िल्म करने से इंकार कर दिया, और रोल चला गया दीपिका के पास। अब इसे आप क़िस्मत कहें, या मिस-जजमेंट, एक हफ़्ते के गैप में रिलीज़ हुईं ‘गोरी तेरे प्यार में’ और ‘राम-लीला’ इन दो एक्ट्रेसेज के लिए अलग-अलग इमोशंस लेकर आईं।
वैसे करीना की ये पहली भूल नहीं है। कई साल पहले बेबो ने ऋतिक रोशन की डेब्यू फ़िल्म ‘कहो ना प्यार है’ को भी ठुकरा दिया था, और फ़िल्म चली गई अमीषा पटेल के पास। नतीजा सब जानते हैं। ‘कल हो ना हो’ करीना के करियर का दूसरी भूल है। इस फ़िल्म के लिए बेबो ओरिजनल च्वाइस थीं, लेकिन उनके मना करने के बाद फ़िल्म में प्रीति ज़िंटा को लिया गया। ये फ़िल्म प्रीति के करियर की यादगार फ़िल्म बन गई।
दिलचस्प बात ये है, कि जो भूल करीना ने की, वो बाद में प्रीति ने भी कर दी। इम्तियाज़ अली ने ‘जब वी मेट’ के लिए पहले प्रीति को चुना था, लेकिन प्रीति के इंकार के बाद उन्होंने करीना को फ़िल्म में ले लिया। ये फ़िल्म बेबो के करियर की सबसे यादगार फ़िल्म होने के साथ, उनकी बिंदास परफ़ॉर्मेंस के लिए भी मशहूर हुई।
एक्टर्स के करियर में ऐसे कई मौक़े आते हैं, जब किसी फ़िल्म या रोल को लेकर उन्होंने हिचक दिखाई हो, और बाद में वो फ़िल्म और रोल उनके लिए सिर्फ़ पछतावा बनकर रह गए। आमिर ख़ान की फ़िल्म ‘लगान’ के लिए आशुतोष गोवारिकर ने पहले शाह रूख़ ख़ान को एप्रोच किया था, लेकिन किंग ख़ान रिस्क नहीं लेना चाहते थे। आमिर ने रिस्क लिया, और इसका सिला उन्हें मिला।
वहीं, आमिर की हिचक ने शाह रूख़ ख़ान को दी उनके करियर की माइल स्टोन फ़िल्म- ‘डर’। यश चोपड़ा ने किंग ख़ान से पहले आमिर को ‘राहुल’ का क़िरदार ऑफ़र किया था, लेकिन आमिर करेक्टर की निगेविटी से घबरा गए, और फ़िल्म चली गई शाह रूख़ के पास। वैसे यश जी ने ये रोल ‘डर’ के हीरो सनी देओल को भी ऑफ़र किया था, पर वो अपनी क्लीन इमेज के साथ खिलवाड़ नहीं करना चाहते थे। सब जानते हैं, कि ‘डर’ में सनी से ज़्यादा शोहरत शाह रूख़ को मिली।
डर में मौक़े पे चौका मारने वाले शाह रूख़ ‘मुन्नाभाई एमबीबीएस’ में चूक गए। विधु विनोद चोपड़ा ने ये रोल पहले किंग ख़ान को ऑफ़र किया, जबकि संजय दत्त निभाने वाले थे वही रोल, जो जिमी शेरगिल ने प्ले किया। पर शाह रूख़ ने मुन्नाभाई बनने से इंकार कर दिया। आख़िरकार संजय बने मुन्ना, और रेस्ट इज़ द हिज़्ट्री। हालांकि इस रोल को क्रिएटिव इनपुट देने के लिए किंग ख़ान का नाम क्रेडिट रोल में दिया गया।
सलमान को स्टार बनाने वाली फिल्म ‘मैंने प्यार किया’ पहले ऑफर की गयी थी विकास भल्ला को | मगर उनके रिजेक्शन के बाद फिल्म चली गयी सलमान के पास| नतीजा क्या हुआ, इससे सब वाकिफ हैं|
‘करन अर्जुन’ भी गोल्डन चांस बनकर आई सलमान के करियर में। राकेश रोशन निर्देशित इस फिल्म के लिए पहले एप्रोच किया गया था शाह रुख़ खान और अजय देवगन को। मगर राकेश के साथ अजय के क्रिएटिव डिफरेंसेज ने फिल्म में सलमान के लिए जगह बना दी।
‘परिणीता’ लिए डायरेक्टर प्रदीप सरकार की विश लिस्ट में ऐश्वर्या राय थीं। मगर ऐश ने फिल्म करने से मना कर दिया, और बॉलीवुड को मिली विद्या बालन जैसी बेहतरीन एक्ट्रेस। ऐश्वर्या के करियर की डेब्यू फिल्म हो सकती थी, ‘राजा हिन्दुस्तानी’| मगर ऐश के इंकार पर ये फिल्म चली गयी करिश्मा कपूर के पास, जो कपूर बेबी के लिए एक ‘करिश्मा’ साबित हुई।
‘कुछ कुछ होता है’ के लिए एप्रोच की जाने वाली रानी मुख़र्जी नौंवी एक्ट्रेस थीं। इससे पहले फिल्म में रानी वाले रोल के लिए रवीना टंडन, ट्विंकल खन्ना और करिश्मा कपूर जैसी कई एक्ट्रेसेज को एप्रोच किया जा चुका था। मगर किसी ने फ़िल्म में काम नहीं किया। शायद रोल छोटा होने की वजह से, लेकिन रानी ने कोई ग़ल्ती नहीं की।
अपने करियर में अमिताभ बच्चन ने भी कई मौकों पर चौका मारा है, जिन पर दूसरे एक्टर्स चूक गए। बिग बी ‘ज़ंजीर’ के एंग्री यंगमैन न बन पाते अगर उनसे पहले राजकुमार, धर्मेंद्र, देवानंद और राजेश खन्ना इंस्पेक्टर विजय श्रीवास्तव के रोल के लिए मना नहीं करते।
‘शोले’ में भी जय का क़िरदार अमिताभ से पहले शत्रुघ्न सिन्हा को ऑफर किया गया था। मगर शॉटगन के इंकार का फायदा मिला बिग बी।
‘शोले’ में गब्बर सिंह का किरदार भी पहले डैनी डेंग्जोंग्पा को ऑफर किया गया था, मगर उनके मना करने पर इस यादगार रोल के हक़दार बने अमजद खान।
‘फ़र्ज़’ जीतेंद्र के करियर की यादगार फिल्मों में से एक मानी जाती है। जीतेंद्र के करियर में कामयाबी की ये सौगात शत्रुघ्न सिन्हा के लिए पछतावा बनकर रह गयी, क्योंकि इस फिल्म के लिए पहली च्वाइस जीतेंद्र नहीं बल्कि शॉटगन थे।
कल्ट फ़िल्म ‘मदर इंडिया’ एक्टर सुनील दत्त के प्रोफेशनल करियर की ही नहीं, पर्सनल लाइफ के लिए भी काफी यादगार है। कामयाबी के साथ साथ इस फिल्म ने सुनील को उनकी बेटर हाफ नर्गिस से भी मिलवाया। अगर बिरजू के रोल को इंटरनेशनल स्टार साबू दस्तागिर कर लेते, तो सुनील दत्त की कहानी शायद कुछ और होती।
राजेश खन्ना के करियर का एक अहम किरदार है ‘आनंद’। इस फिल्म के लिए राजेश पहली पसंद नहीं थे। डायरेक्टर हृषिकेश मुख़र्जी के ज़हन में इस रोल के लिए राज कपूर थे। मगर कहानी लिखते हुए जब हृषिकेश को ये ख्याल आया कि इस रोल के लिए उनके ख़ास दोस्त राज कपूर को स्क्रीन पर मरने की एक्टिंग करनी होगी, तो उन्होंने अपना मन बदल लिया और एप्रोच किया शशि कपूर को।
शशि के इंकार के बाद हृषिकेश उत्तम कुमार और किशोर कुमार के पास भी गए। मगर उन्होंने भी फिल्म को रिजेक्ट कर दिया। आखिरकार ये माइलस्टोन फिल्म चली गई काका के खाते में।