मुंबई, एससी संवाददाता : हिंदी सिनेमा के लिए 2013 कई मायनों में यादगार रहा है। इस साल इंडियन सिनेमा के सफ़र को 100 साल तो पूरे हुए ही, साथ ही कई फ़िल्मों ने क़ामयाबी के नए रिकॉर्ड्स बनाए, और कुछ बेहद शानदार परफॉर्मेंसेज बड़े पर्दे पर दिखने को मिलीं, लेकिन एक वजह और है, जिसके लिए 2013 याद किया जाएगा।
*इस साल आएंगी 5 सिक्वल्स और फ्रेंचाइजी फ़िल्म्स
*2013 में सबसे ज़्यादा सिक्वल्स और फ्रेंचाइजी
ये है – सिक्वल्स और फ्रेंचाइजी फ़िल्में। रीसेंट टाइम्स में इतने सिक्वल्स कभी रिलीज़ नहीं हुए, जितने 2013 ने देखे। बीते साल कुल 10 फ़िल्में ऐसी आईं, जो पुरानी फ़िल्मों का पार्ट 2 हैं, या किसी फ्रेंचाइजी को आगे बढ़ा रही हैं।
इनमें से ‘रेस 2’ (रेस-2008), ‘कृष 3’ (कृष-2006), ‘धूम 3’ (धूम-2004, धूम 2-2006), ‘यमला पगला दीवाना 2’ (यमला पगला दीवाना-2011), ‘वंस अपॉन ए टाइम इन मुंबई दोबारा’ (वंस अपॉन ए टाइम इम मुंबई-2010), ‘ग्रांड मस्ती’ (मस्ती-2004) और ‘साहिब बीवी और गैंगस्टर रिटर्न्स’ (साहिब बीवी और गैंगस्टर-2011) फ़िल्में सिक्वल्स हैं, जबकि ‘मर्डर 3’ (मर्डर-2004, मर्डर 2-2011), ‘आशिक़ी 2’ (आशिक़ी-1990) और ‘सत्या 2’ (सत्या -1998) फ्रेंचाइजी हैं।
इनमें ‘यमला पगला दीवाना 2’, ‘वंस अपॉन ए टाइम इन मुंबई दोबारा’, ‘मर्डर 2’ और ‘साहिब बीवी और गैंगस्टर रिटर्न्स’ कॉमर्शियली एवरेज रहीं, जबकि ‘सत्या 2’ फ्लॉप रही।
2012 में सात फ़िल्में ऐसी रिलीज़ हुईं, जो सिक्वल और फ्रेंचाइजी थीं। ये फ़िल्में हैं – ‘हाउसफुल 2’ ( हाउसफुल-2010), ‘जन्नत 2’ (जन्नत-2008), ‘जिस्म 2’ (जिस्म-2003), ‘राज़ 3’ (राज़-2002, राज़-2008) , ‘भूत रिटर्न्स’ (भूत-2003), ‘1920 – द इविल रिटर्न्स’ ( 1920-2008) और ‘दबंग 2’ (दबंग-2010)।
जबकि 2011 में महज़ तीन फ़िल्मों के टाइटल्स में पार्ट 2 शामिल था – ‘भेजा फ्राई 2’ (भेजा फ्राई-2007), ‘मर्डर 2’ (मर्डर-2004) और ‘डॉन 2’ (डॉन-2006)।
2014 में भी सिक्वल्स और फ्रेंचाइजी का सिलसिला जारी रहेगा। इस साल कुल पांच फ़िल्में ऐसी रिलीज़ होंगी, जो या तो सिक्वल हैं, या फिर फ्रेंचाइजी। इनमें शामिल हैं – ‘डेढ़ इश्क़िया’ (इश्क़िया-2010), ‘शादी के साइड इफ़ेक्ट्स’ (प्यार के साइड इफ़ेक्ट्स-2006), ‘हेट स्टोरी 2’ (हेट स्टोरी-2012), ‘भूतनाथ रिटर्न्स’ (भूतनाथ-2008) और ‘हैलो 2’ (हैलो-2008)।