मुंबई: बाहुबली और बजरंगी भाईजान। 2015 की दो अहम और क़ामयाब फ़िल्में। दोनों इतिहास बनाने के रास्ते पर। एक तेलगू फ़िल्म इंडस्ट्री की उपज है, तो दूसरी देश की सबसे बड़ी फ़िल्म इंडस्ट्री हिंदी सिनेमा की फसल है। दोनों को लेकर सिनेमाप्रेमियों के बीच ज़बर्दस्त उत्साह दिखाई दिया, और इसी उत्साह ने जन्म दिया इस बहस को, कि कौन सी फ़िल्म ज़्यादा बड़ी है।
ख़बरों में इस बात की बहस होने लगी, कि बाहुबली बड़ी है या बजरंगी भाईजान। ख़बरों के हेडिंग भी कुछ इसी तरह के पढ़ने-सुनने को मिल रहे हैं, कि बाहुबली पर भारी बजरंगी भाईजान या बजरंगी भाईजान ने दी बाहुबली को पटखनी। इन दोनों फ़िल्मों में स्टार कास्ट, कहानी या जॉनर के हिसाब से कोई समानता नहीं है, लेकिन फैंस कहां मानने वाले हैं। वो तो मुक़ाबला करते ही हैं।
इन दोनों फ़िल्मों में भले ही कोई कनेक्शन ना दिखे, लेकिन एक शख़्स इन ख़बरों को पढ़-सुनकर ज़रूर मुस्करा रहा है। ये शख़्स हैं केवी विजयेंद्र प्रसाद, और इनके मुस्कराने क वजह आपके चौंकने की वजह बनेगी। दरअसल, 2015 की इन दोनों सबसे क़ामयाब फ़िल्में विजयेंद्र प्रसाद की कलम से ही निकली हैं। जी हां, विजयेंद्र लेखक हैं बाहुबली और बजरंगी भाईजान के।
इतना ही नहीं, विजयेंद्र बाहुबली के निर्देशक एसएस राजामौली के पिता भी हैं। ज़ाहिर है, कि आप बाहुबली और बजरंगी भाईजान के आंकड़ों को लेकर माथा-पच्ची करते रहें, लेकिन विजयेंद्र के लिए ये विजय की स्थिति है। 72 साल के विजयेंद्र ने सिर्फ़ 20 फ़िल्मों की स्क्रिप्ट लिखी है, जिनमें से 7 को राजामौली ने डायरेक्ट किया है।
भारतीय सिनेमा की दो बेहद क़ामयाब फ़िल्में लिखने वाले विजयेंद्र प्रसाद के लिए अब हिंदी सिनेमा में होड़ मचने लगी है। विजयेंद्र इससे पहले विक्रमारकुडु और मगाधीरा जैसी फ़िल्में लिख चुके हैं। विक्रमारकुडु का राउड़ी राठौर नाम से हिंदी रीमेक बन चुका है, वहीं मगाधीरा के हिंदी रीमेक में शाहिद कपूर के लीड रोल निभाने की ख़बर है।