मुंबई, एससी संवाददाता : बॉलीवुड फिल्मों में रोमांस का तड़का कितना मायने रखता है, ये तो आप भी जानते हैं। फिल्म चाहे कॉमेडी हो या एक्शन, रोमांस के बिना कोई कहानी पूरी नहीं होती। मगर एक्सपेरिमेंट्स के दौर में बॉलीवुड की ये थ्योरी भी थोड़ी चेंज होती नज़र आ रही है। अब बड़े पर्दे पर कुछ ऐसी फिल्में आ रही हैं, जिनमें स्टोरीलाइन को ध्यान में रखते हुए, रोमांस की डोज़ काफी कम कर दी जाती है। 2013 में भी बॉलीवुड ने दर्शकों को कई ऐसी फिल्में दीं जिनमें लीडिंग लेडीज तो थीं, पर प्यार का तड़का ज़्यादा तीखा नहीं रहा।
अस्सी के दशक में एक फेक सीबीआई रेड से इंस्पायर्ड फिल्म ‘स्पेशल 26’ में लीड रोल निभाया अक्षय कुमार ने। अपनी फिल्मों में अक्सर आशिक़ का क़िरदार निभाने वाले अक्षय के लिए इस फिल्म में रोमांस की डोज़ ज़रा कम थी। ‘स्पेशल 26’ में यूँ तो काजल अग्रवाल ने अक्षय कुमार की लव इंटरेस्ट का रोल निभाया, पर फिल्म की स्टोरीलाइन के लिए अक्षय और काजल का रोमांस सिर्फ शो पीस बनकर रह गया।
मई 2013 को रिलीज़ हुई फिल्म ‘औरंगज़ेब’ की कहानी पुलिस फोर्स और अंडरवर्ल्ड के बीच टकराव पर बेस्ड थी। यशराज बैनर की ये फिल्म काफी इंटेंस, डार्क और एक्शन से भरी थी। लहाज़ा फ़िल्म में साशा आगा अर्जुन के अपोजिट कास्ट तो की गईं, पर सिर्फ़ ऑर्नामेंट की तरह। अर्जुन और उनके बीच लव मेकिग सींस भी थे, लेकिन साशा को रोल अहम् नहीं था।
रणदीप हुड्डा और नसीरुद्दीन शाह स्टारर फिल्म ‘जॉन डे’ एक हार्ड कोर थ्रिलर फिल्म थी। एक्शन, सस्पेंस और थ्रिल वाली इस फिल्म में रोमांस ना के बराबर था। फिल्म में रणदीप हुड्डा की गर्लफ्रेंड का किरदार निभाया था एलीना कज़ान ने, मगर उनका किरदार भी फिल्म में रोमांस के बजाय सस्पेंस फैक्टर को बढ़ाने में मददगार रहा।‘जॉन डे’ को डायरेक्ट किया था अहिशोर सोलमन ने।
लॉयर शाहिद काज़मी की लाइफ से इंस्पायर्ड फिल्म‘शाहिद’ भी इसी लीग में शामिल है। फिल्म की कहानी शाहिद काज़मी की ज़िन्दगी और स्ट्रगल की थ। लिहाज़ा, फिल्म को रियालिटी के करीब रखने के लिए डायरेक्टर हंसल मेहता ने रोमांस को साइड लाइन कर दिया। ‘शाहिद’ में लीड रोल निभाया था राजकुमार राव (पहले यादव) ने, जबकि उनकी लीडिंग लेडी थीं प्रभ्लीन संधू।
2013 में रिलीज़ हुई सत्या फ्रैंचाइज़ी की दूसरी फिल्म ‘सत्या 2’। ‘सत्या’ की तरह ही डायरेक्टर राम गोपाल वर्मा ने इस फिल्म को भी अंडरवर्ल्ड पर बेस्ड रखा, लेकिन ‘सत्या’ से अलग ‘सत्या 2’ में रोमांस को प्रायोरिटी काफी कम मिली। ‘सत्या 2’ में जहाँ पुनीत सिंह रत्न ने सेंट्रल करेक्टर निभाया, वहीँ बतौर लीडिंग लेडी डेब्यू करने वाली अनायका सोती सिर्फ़ खानापूर्ति के लिए फ़िल्म में नज़र आईं।