मुंबई। Mahesh Babu ED: तेलुगु सिनेमा के सुपरस्टार महेश बाबू को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए बुलाया है। यह मामला सुराना ग्रुप और साई सूर्या डेवलपर्स नाम की रियल एस्टेट कंपनियों से जुड़ा है।
ईडी ने महेश बाबू को रविवार को पूछताछ के लिए तलब किया है. ईडी को जांच में पता चला कि महेश बाबू को सुराना ग्रुप के विज्ञापनों के लिए 5.50 करोड़ रुपये से ज्यादा और साई सूर्या डेवलपर्स से प्रचार के लिए 5.90 करोड़ रुपये मिले, जिसमें से 2.50 करोड़ रुपये का नकद और 3.40 करोड़ रुपये का चेक से भुगतान किया गया था। यही भुगतान ईडी के रडार पर है।
क्या है पूरा मामला?
ई-टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, सुराना ग्रुप की सहयोगी कंपनियों, साई सूर्या डेवलपर्स और भाग्यनगर प्रॉपर्टीज की तलाशी में 100 करोड़ रुपये के गैरकानूनी लेनदेन का पता चला और 74.50 लाख रुपये नकद जब्त किए गए। ईडी ने बताया कि सुराना ग्रुप के चेयरमैन नरेंद्र सुराना और मैनेजिंग डायरेक्टर देवेंद्र सुराना के हैदराबाद के माधापुर, जुबली हिल्स और बोवेनपल्ली स्थित आवास और साई सूर्या डेवलपर्स के दफ्तरों से महत्वपूर्ण सबूत मिले।
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ईडी ने कहा कि सुराना ग्रुप ने रियल एस्टेट के नाम पर बड़ी धोखाधड़ी की है। पिछले बुधवार को हैदराबाद और सिकंदराबाद में चार जगहों पर तलाशी ली गई। ईडी ने बताया, “तेलंगाना पुलिस की कई शिकायतों के आधार पर जांच शुरू की गई, जिसमें नरेंद्र सुराना (भाग्यनगर प्रॉपर्टीज के डायरेक्टर), के. सतीश चंद्र गुप्ता (साई सूर्या डेवलपर्स के मालिक) और अन्य पर लोगों को प्लॉट बिक्री के नाम पर ठगने का आरोप है।”
फर्जी लेआउट बनाने का आरोप
जांच में पता चला कि आरोपियों ने गैरकानूनी लैंड लेआउट बनाए, एक ही प्लॉट को कई लोगों को बेचा, बिना ठोस समझौते के पैसे लिए और प्लॉट रजिस्ट्रेशन के झूठे वादे किए। इससे कई निवेशकों को नुकसान हुआ। उन्होंने जानबूझकर लोगों को ठगकर अपराध से पैसा कमाया और उसे गलत तरीके से अपने और दूसरी कंपनियों के फायदे के लिए इस्तेमाल किया।
महेश बाबू आखिरी बार बड़े पर्दे पर 2024 की फिल्म गुंटूर कारम के जरिए नजर आये थे। उनकी अगली फिल्म एसएस राजामौली के साथ है, जिसकी काफी चर्चा होती रहती है।