The Roshans: कौन थे ऋतिक रोशन के दादा? कहां से आया सरनेम? Netflix की डॉक्युमेंट्री में मिलेंगे सारे जवाब

Netflix announces The Roshans. Photo- Instagram
Inside The Story 

* संगीतकार थे ऋतिक के दादा रोशन
* अंकल राजेश ने संभाली सुरों की विरासत
* पिता राकेश बने अभिनेता-निर्देशक

मुंबई। The Roshans: ऋतिक रोशन को बॉलीवुड का ग्रीक गॉड कहा जाता है। वो देश और दुनिया के सबसे हैंडसम सितारों में से एक हैं। मगर, फिल्म इंडस्ट्री में उनकी पहचान कहीं पुरानी है। उनके परिवार का हिंदी सिनेमा में बड़ा योगदान रहा है।

ऋतिक के सरनेम में वही पहचान और योगदान छिपा है। लोगों के लिए रोशन परिवार का मतलब ऋतिक, राकेश और राजेश रोशन हो सकता है, मगर इंडस्ट्री के लिए यह सरनेम लीजेंड्री है। अब नेटफ्लिक्स की डॉक्युमेंट्री द रोशंस में रोशन परिवार से जुड़े सवालों के जवाब मिलेंगे।

नेटफ्लिक्स ने जारी किया फर्स्ट लुक

बुधवार को ओटीटी प्लेटफॉर्म ने फर्स्ट लुक के साथ द रोशंस डॉक्युमेंट्री की घोषणा की। हालांकि, रिलीज डेट अभी नहीं बताई गई है। पोस्ट पर ऋतिक, उनके डैड राकेश और अंकल राजेश नजर आ रहे हैं।

इन सबके ऊपर पृष्ठभूमि में जिस शख्स का साया दिख रहा है, वो हैं ऋतिक के दादा रोशनलाल नागरथ, हिंदी सिनेमा के दिग्गज संगीतकार।

उन्हीं के सरनेम को दोनों बेटे राकेश और राजेश ने अपनाया। फिर अगली पीढ़ी ने इस परम्परा को आगे बढ़ाया।

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कौन थे ऋतिक के दादा रोशन?

रोशनलाल नागरथ का जन्म 14 जुलाई 1917 को पंजाब के गुजरांवाला में हुआ था। उन्होंने सरोद वादन की तालीम उस्ताद अलाउद्दीन खान से ली थी। दिल्ली स्थित ऑल इंडिया रेडियो में कुछ वक्त काम करने के बाद उन्होंने 1948 में मुंबई का रुख किया।

उस समय के मशहूर निर्माता-निर्देशक किदार शर्मा ने रोशन को फिल्मों में मौका दिया। उनकी पहली म्जूयिकल हिट बाबरे नैन थी, जो 1950 में आई। 50 के दौर में उनकी कई फिल्मों के गाने सुपरहिट रहे।

रोशन नागरथ ने इंदीवर और आनंद बख्शी जैसे दिग्गज लेखकों को फिल्मों में ब्रेक दिया था। 60 के दशक ने रोशन के संगीत का उत्कर्ष देखा। शास्त्रीय संगीत को लोक संगीत में पिरोना उनकी खूबी रही।

लगभग दो दशक के करियर में रोशन ने 50 से ज्यादा फिल्मों में संगीत दिया। उनकी यादगार फिल्मों में बरसात की रात, अनोखी रात, आरती, दिल ही तो है, ताजमहल, चित्रलेखा, भीगी रात, देवर और नूरजहां शामिल हैं।

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रोशन के यादगार गीत

  • जो वादा किया वो निभाना पड़ेगा- ताजमहल
  • जो बात तुझमें है- ताजमहल
  • लागा चुनरी में दाग- दिल ही तो है
  • ओह रे ताल मिले- अनोखी रात
  • रहते थे कभी जिनके दिल में- ममता
  • आया है मुझे फिर याद वो जालिम- देवर

रोशन का निधन 1967 में महज 50 साल की उम्र में हो गया था। बड़े बेटे राकेश रोशन ने अभिनय और बाद में निर्देशन का रास्ता चुना। वहीं, छोटे बेटे राजेश ने पिता की सुरीली विरासत को आगे बढ़ाया। राजेश ने कई हिट फिल्मों का संगीत दिया है।

राकेश रोशन निर्मित-निर्देशित कई फिल्मों का संगीत राजेश रोशन ने दिया है।