मुंबई। एक जून को हिंदी सिनेमा की आइकॉनिक एक्ट्रेस नर्गिस का जन्म दिन मनाया जाता है। नर्गिस ने अपनी अदाकारी से सिनेमा की कई पीढ़ियों को ना सिर्फ़ प्रभावित किया है, बल्कि प्रेरित किया है। बेटे संजय दत्त अपनी मॉम नर्गिस के बेहद क़रीब थे। संजय ने मां के जन्म दिन पर एक प्यारी सी फोटो शेयर करके जन्म दिन विश किया है।
संजय ने ट्विटर पर शेयर किये फोटो के साथ लिखा है- यादें कभी नहीं मिटतीं। हैप्पी बर्थडे मॉम। तस्वीर में नन्हे संजय अपनी पीठ पर छोटी बहन को बिठाकर खेल रहे हैं और मां नर्गिस इन दोनों को संभालते हुए मुस्कुरा रही हैं। यह तस्वीर किसी को भी इमोशनल करने के लिए काफ़ी है।
Memories never fade! Happy Birthday Mom ♥️ pic.twitter.com/uVqL02Abnm
— Sanjay Dutt (@duttsanjay) June 1, 2019
नर्गिस का जन्म 1 जून 1929 को कोलकाता में हुआ था। उनका बचपन का नाम फ़ातिमा रशीद था। नर्गिस के पिता अब्दुल रशीद जन्म से ब्राह्मण थे। उनका नाम मोहनचंद उत्तमचंद था। बाद में उन्होंने इस्लाम धर्म कुबूल कर लिया और अब्दुल रशीद बन गये। नर्गिस की मां जद्दनबाई क्लासिकल सिंगर थीं। हिंदी सिनेमा की शुरुआत में जद्दनबाई का अहम योगदान रहा है।
नर्गिस ने अपना करियर चाइल्ड आर्टिस्ट के तौर पर 1935 की फ़िल्म तलाशे-हक़ से शुरू किया था। उस वक़्त वो 6 साल की थीं। 1943 में उन्होंने मोतीलाल के अपोज़िट 14 साल की उम्र में तक़दीर फ़िल्म से बतौर लीडिंग लेडी डेब्यू किया।
40 और 50 के दौर में नर्गिस ने कई कल्ट फ़िल्मों में काम किया। इस दौर में हिंदी सिनेमा के शो-मैन राज कपूर के साथ उनकी जोड़ी काफ़ी लोकप्रिय रही। राज कपूर के साथ नर्गिस ने आग, बरसात, आवारा, श्री 420 जैसी फ़िल्मों में काम किया, वहीं उस दौर के सुपरस्टार दिलीप कुमार के साथ भी नर्गिस पर्दे पर नज़र आयीं।
1957 की महबूब ख़ान निर्देशित फ़िल्म मदर इंडिया नर्गिस ही नहीं हिंदी सिनेमा के लिए भी एक अहम फ़िल्म है। किसानों की लाचारी और ज़मीदारों के ज़ुल्मों को दिखाती इस फ़िल्म में नर्गिस ने राजेंद्र कुमार और सुनील दत्त की मां की भूमिका निभायी थी। फ़िल्म बेहद सफल रही और ऑस्कर अवॉर्ड्स के लिए भारत की ऑफ़िशियल एंट्री रही थी।
इसी फ़िल्म की शूटिंग के दौरान सेट पर हादसे में सुनील दत्त ने नर्गिस की जान बचाई थी और फिर दोनों के बीच प्यार हो गया। 1958 में शादी के बाद नर्गिस ने फ़िल्मी करियर से संन्यास ले लिया। हालांकि उनकी आख़िरी फ़िल्म 1967 में रात और दिन है। 1980-81 के बीच नर्गिस को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया गया, मगर इसी दौरान उन्हें कैंसर हो गया और कार्यकाल के दौरान ही 3 मई 1981 को उनका निधन हो गया।