मुंबई: आमिर ख़ान पर अक्सर ये आरोप लगते रहे हैं, कि जब भी शाह रूख़ की फ़िल्म रिलीज़ होने वाली होती है, वो उसे सेबोटाज करने पहुंच जाते हैं। आमिर कुछ ऐसा कर देते हैं, जिससे शाह रूख़ ख़ान के बजाए लाइमलाइट उन्हें मिल जाए।
इस दफ़ा भी जब आमिर ख़ान ने अपनी फ़िल्म ‘पीके’ का थिएट्रिकल ट्रेलर ‘हैपी न्यू ईयर’ के साथ रिलीज़ करने का फ़ैसला किया, तो कहा गया, कि आमिर ‘हैपी न्यू ईयर’ की लोकप्रियता कम करने के लिए ऐसा कर रहे हैं। लेकिन आमिर ने इन सभी आरोपों को ग़लत बताया है।
एक इवेंट में शामिल हुए आमिर ख़ान ने कहा- “पिछले चार-पांच सालों से मेरी फ़िल्में क्रिसमस पर आ रही हैं, तो ज़ाहिर है ट्रेलर दिवाली पर आएगा। फिर दिवाली पर कोई भी फिल्म हो, किसी भी एक्टर की फिल्म हो, हमें कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता। ना उस फिल्म को कोई फ़र्क़ पड़ता है, क्योंकि लोग तो वो फिल्म देखने आएंगे।”
आमिर ने ‘हैपी न्यू ईयर’ की क़ामयाबी ज़रूरी बताते हुए कहा- “शाह रुख की फिल्म जितनी कामयाब होगी। जितनी लोकप्रिय होगी, और जितने ज़्यादा लोग उसे देखने आएंगे तो हमको फायदा होगा। लोग शाह रुख की फिल्म देखने आएंगे, तो हमारा ट्रेलर भी देख लेंगे।”
चलिए मान लेते हैं आमिर की बात। उम्मीद है, कि शाह रूख़ भी ऐसा ही सोचते होंगे।