मुंबई: साल के पहले महीने के आख़िरी शुक्रवार को रिलीज़ हुईं तीनों फ़िल्मों ने बॉक्स ऑफ़िस पर निराश किया है। दर्शकों ने इन फ़िल्मों में कम दिलचस्पी दिखाई है। ‘ख़ामोशियां’ तीनों के बीच विनर रही है।
पहले बात करते हैं पीरियड फ़िल्म ‘हवाईज़ादा’ की। विभु पुरी निर्देशित इस फ़िल्म ने इतिहास के पन्नों में छिपी ऐसी कहानी पेश की, जो अगर साजिशों का शिकार ना बनती, तो इतिहास बन जाती। ‘हवाईज़ादा’ के ज़रिए विभु ने शिवकर तलपड़े की कहानी को पर्दे पर दिखाया, दिनके बारे में कहा जाता है, कि 1895 में उन्होंने मुंबई की चौपाटी पर पहली बार मानवरहित विमान उड़ाया था। अधिकारिक ऐतिहासिक रिकॉर्डों में दर्ज़ राइट बंधुओं से भी आठ साल पहले। शिवकर तलपड़े की भूमिका निभाई आयुष्मान खुराना ने, जबकि उनकी डांसर प्रेमिका बनीं पल्लवी शारदा। क्रिटिक्स ने फ़िल्म को मिले-जुले रिव्यूज़ दिए, लेकिन दर्शकों ने कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। फ़िल्म ने महज़ 75 लाख की ओपनिंग ली।
जनवरी के आख़िरी शुक्रवार की दूसरी रिलीज़ है ‘रहस्य’, जिसे डायरेक्ट किया है मनीष गुप्ता ने। ‘रहस्य’ कहानी है एक 14 साल की लड़की के मर्डर की। क़त्ल के आरोपी हैं उसके माता-पिता। रहस्य की कहानी को सुनकर आपको कुछ साल पहले ग़ाज़ियाबाद में हुए चर्चित दोहरे हत्याकांड की याद आ सकती है, जिसे आरूषि मर्डर केस के नाम से जाना गया। तमाम क़ानूनी बाधाओं को पार करके फ़िल्म रिलीज़ तो हुई, लेकिन इस रहस्य को जानने के लिए दर्शक बेताब नहीं दिखे। केके मेनन, टिस्का चोपड़ा और आशीष विद्यार्थी स्टारर फ़िल्म का पहले दिन कलेक्शन 1 से 1.5 करोड़ होने का अनुमान है।
तीसरी फ़िल्म है ‘ख़ामोशियां’। भट्ट कैंप के आज़माए हुए फॉर्मूले पर बनी इस फ़िल्म में हॉरर, सेक्स और थ्रिल का तड़का लगाया गया। फ़िल्म को करण दारा ने डायरेक्ट किया। लेखक अली फ़ज़ल की कहानी की तलाश और अपने अतीत से पीछा छुड़ाने की जद्दोजहद को इरोटिक बनाया सपना पब्बी के सेंसुअस एक्ट ने, और सस्पेंस का एंगल दिया डेब्यूटेंट गुरमीत चौधरी ने। ज़बर्दस्त प्रोमोशन और इरोटिक कंटेंट के दम पर ‘ख़ामोशियां’ को पहले दिन 1.92 करोड़ का बिजनेस मिला, जो फ़िल्म की स्टार कास्ट को देखते हुए ठीकठाक कहा जाएगा।