मुंबई: केंद्रीय फ़िल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) और ‘उड़ता पंजाब’ के बीच चली क़ानूनी लड़ाई का फ़ैसला आ गया है। 13 जून को बॉम्बे हाईकोर्ट ने फ़िल्म को महज़ एक कट और एक डिस्क्लेमर के साथ रिलीज़ करने की अनुमति दे दी है।
साथ ही फ़िल्ममेकर्स की फ्रीडम ऑफ़ स्पीच का समर्थन भी किया है। इस फ़ैसले के बाद मेकर्स तय तारीख़ को फ़िल्म रिलीज़ करने की तैयारियों में जुट गए हैं।
सोमवार का दिन फ़िल्म इंडस्ट्री के लिए काफी अहम रहा, क्योंकि बॉम्बे हाईकोर्ट के इस फ़ैसले से जहां सीबीएफसी की मनमानी पर लगाम कसेगी, वहीं फ़िल्ममेकर्स के लिए आगे के रास्ता आसान होगा। सीबीएफसी उड़ता पंजाब को A सर्टिफिकेट देने के लिए राज़ी था, बशर्ते उसकी लिस्ट के मुताबिक़ फ़िल्म में 89 कट्स किए जाएं।
सीबीएफसी के इस निर्णय के ख़िलाफ़ उड़ता पंजाब के प्रोड्यूसर्स फ़िल्म प्रमाणन अपीलीय न्यायाधिरण (Film Certification Appellate Tribunal) में जाने के बजाए सीधे हाईकोर्ट चले गए।
हाईकोर्ट ने फ़िल्म के उस दृश्य को हटाने को कहा है, जिसमें शाहिद कपूर लोगों पर पेशाब करते हुए दिखाई देते हैं। हाईकोर्ट ने मेकर्स द्वारा प्रस्तावित डिस्क्लेमर को भी स्वीकार किया है, जिसमें कहा गया है कि फ़िल्म किसी प्रदेश को बदनाम करने के लिए नहीं बनाई गई है, और फ़िल्म अपशब्दों का समर्थन भी नहीं करती।
माननीय अदालत ने ये भी कहा, कि कोई भी मेकर्स को ये नहीं बता सकता कि फ़िल्म कैसे बनाई जाए और इसका संदर्भ क्या होना चाहिए। ये पूरी तरह वो तय करेंगे कि पृष्ठभूमि, विषय-वस्तु और कहानी क्या होनी चाहिए।
इस फ़ैसले के बाद सह-निर्माता अनुराग कश्यप (फैंटम फ़िल्म्स) ने ट्वीट करके हाईकोर्ट का शुक्रिया अदा किया-
वहीं फ़िल्म की लीडिंग लेडी आलिया भट्ट ने जानकारी दी, कि उड़ता पंजाब 17 जून को ही रिलीज़ होगी-
फ़िल्म के लीड एक्टर शाहिद कपूर ने इस फै़सले को फै़ंस को समर्पित किया-
मगर, इन सभी में सबसे अहम प्रतिक्रिया फ़िल्ममेकर अशोक पंडित की रही, जिन्होंने हाईकोर्ट के फ़ैसले का समर्थन किया, जबकि वो खुद सीबीएफसी के सदस्य हैं।