मुंबई। Sky Force Trailer Review: पिछले कुछ सालों से हिंदी सिनेमा में बनने वाली वॉर फिल्मों में कुछ इस तरह के संवादों का चलन बढ़ गया है- यह नया हिंदुस्तान है, घर में घुसकर मारता है।
मौजूदा दौर की घटनाओं को दिखाने वाली फिल्मों में इस तरह की डायलॉगबाजी समझ में आती है, मगर 60 साल पुरानी सच्ची घटना पर बनी वॉर फिल्म में यह कहना कि पड़ोसी को बताना होगा, हम भी घर में घुसकर मार सकते हैं, हजम नहीं होता। इससे कहीं ना कहीं रिसर्च और लेखन पर सवाल खड़े होते हैं।
एयर स्ट्राइक और लापता अफसर की तलाश
स्काय फोर्स के ट्रेलर की शुरुआत में यह संवाद नायक (अक्षय कुमार) से कहलवाया जाता है। इससे पहले पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति अयूब खान की तकरीर सुनाई देती है, जिसमें वो कहते हैं कि हिंदुस्तानी हुक्मरान शायद नहीं जानते कि उन्होंने किस कौम को ललकारा है।
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एक तरह से नायक का संवाद पाकिस्तानी राष्ट्रपति की तकरीर के जवाब में आता है। इसके बाद नायक फिर कहता है, सोच बदलनी होगी। दूसरा गाल नेता दिखाते हैं, हम फौजी नहीं।
फिर अंग्रेजी गाने की तेज बीट्स पर फाइटर विमानों और वायु सेना अधिकारी बने फिल्म के मुख्य कलाकारों अक्षय कुमार-वीर पहाड़िया के दृश्यों का मोंटाज आता है, जो वायु सेना पर बनी हॉलीवुड फिल्मों की नकल लगता है।
बीच-बीच में डेब्यूटेंट वीर पहाड़िया की आवाज में डायलॉगबाजी जारी रहती है। दृश्य आगे दौड़ते हैं और अक्षय का किरदार पाकिस्तान पर पहली एयरस्ट्राइक मिशन स्काय फोर्स करके परखच्चे उड़ाने की बात कहता है।
वीएफएक्स से बनी आग और धमाकों के बीच कलाबाजी खाते फाइटर जेट्स आते-जाते रहते हैं। फिर अक्षय के किरदार के जरिए पता चलता है कि टीके विजय (वीर पहाड़िया) एमआईए यानी मिसिंग इन एक्शन है।
इसके बाद कहानी पलटी मारती है और अब मामला पहली एयरस्ट्राइक के बाद दुश्मन की कैद में फंसे अपने अधिकारी को वापस लाने की जद्दोजहद पर अटक जाती है।
थोड़ी देर पहले दुश्मन को घर में घुसकर मारने के लिए बेताब नायक अब अपने जूनियर अधिकारी को छुड़ाने के लिए पाकिस्तानी हुकूमत से बात करने के लिए वरिष्ठों पर जोर डाल रहा होता है।
लापता अधिकारी की पत्नी (सारा अली खान) ताने मारती है कि छोटा भाई मानते हो, फिर भी उसकी कोई फिक्र नहीं। बैकग्राउंड में लता मंगेशकर का आइकॉनिक गाना ऐ मेरे वतन के लोगों… बजने लगता है।
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वॉर फिल्म का रोमांच मिसिंग
यह है 24 जनवरी को गणतंत्र दिवस के मौके पर रिलीज हो रही अक्षय कुमार की फिल्म स्काय फोर्स का ट्रेलर (Sky Force Trailer Review), जिसे देखने के बाद यह कहने में संकोच होता है कि पिक्चर अभी बाकी है। स्काय फोर्स का ट्रेलर कुछ नया देने के बजाय पिछले कुछ सालों में बनी वॉर फिल्मों की विरासत को ही ढोता नजर आता है।
प्रचलित लाइनों के जरिए माहौल बनाने की कोशिश ट्रेलर को नाटकीय बनाती है। ट्रेलर एक वॉर फिल्म का रोमांच जगाने में पूरी तरह विफल रहता है।
तकनीकी रूप से भी ट्रेलर कमजोर लगता है। बैकग्राउंड स्कोर की तेज आवाज कहीं-कहीं संवादों को दबा देती है। उम्मीद है कि फिल्म में साउंड मिक्सिंग की यह कमी दूर कर दी जाएगी।
स्काय फोर्स का ट्रेलर पिछले साल आई ऋतिक रोशन की फाइटर की भरपूर याद दिलाता है और वीर पहाड़िया को देखकर लगता है कि करण सिंह ग्रोवर की उम्र कम हो गई है।
देशभक्ति पर बनी फिल्में तब तक असर नहीं करतीं, जब तक वो दिल पर वार ना करें। स्काय फोर्स का ट्रेलर इस मामले में कमजोर लगता है। हालांकि, सही तस्वीर फिल्म रिलीज होने के बाद ही सामने आएगी।
स्काय फोर्स का निर्माण दिनेश विजन की कम्पनी मैडॉक फिल्म्स ने किया है, जिनकी पिछली फिल्म स्त्री 2 ने बॉक्स ऑफिस पर बेहिसाब कामयाबी दर्ज की है। स्त्री 2 के निर्देशक अमर कौशिक स्काय फोर्स से सह-निर्माता हैं। फिल्म का निर्देशन संदीप केवलानी और अभिषेक अनिल कपूर ने किया है।