मुंबई। 23 सितम्बर को फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया ने 2025 के एकेडमी अवॉर्ड्स के लिए भारत की ऑफिशियल एंट्री के तौर पर किरन राव की फिल्म लापता लेडीज की घोषणा की थी। इसके एक दिन बाद स्वातंत्र्य वीर सावरकर के निर्माता संदीप सिंह ने सोशल मीडया में यह पोस्ट शेयर करके चौंका दिया था कि उनकी फिल्म ऑस्कर अवॉर्ड्स के लिए आधिकारिक तौर पर सब्मिट की गई है।
इसके लिए पोस्ट में फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया का भी शुक्रिया अदा किया गया था। अब फेडरेशन के प्रेसीडेंट ने इसका सच बताया है।
सोशल मीडिया में किया ऑस्कर जाने का दावा
आगे बढ़ने से पहले बताते हैं, क्या थी संदीप सिंह की वो पोस्ट? स्वातंत्र्य वीर सावरकर के पोस्टर लिखा गया था- ऑफिशियली सब्मिटेड फॉर द ऑस्कर्स 2024। इस उल्लेखनीय प्रशंसा के लिए फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया का शुक्रिया। यहां बताते चलें कि इस साल जो सब्मिशन हो रहे हैं, वो ऑस्कर्स 2025 के लिए हैं, ना कि ऑस्कर्स 2024 के लिए, जैसा कि इस पोस्ट में लिखा गया है।
इस फोटो के साथ संदीप ने लिखा- सम्मानित महसूस कर रहे हैं। हमारी फिल्म स्वातंत्र्य वीर सावरकर ऑस्कर्स में आधिकारिक तौर पर सब्मिट की गई है। इसके लिए फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया का शुक्रिया। यह सफर अद्भुत रहा है। इसमें जिस किसी ने भी हमारा सहयोग किया, उसके आभारी हैं।
इस पोस्ट को दूसरे निर्माता जिओ स्टूडियोज और लीजेंड स्टूडियोज के साथ भी साझा किया गया था।
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मीडिया रिपोर्ट्स से हुआ कन्फ्यूजन
संदीप सिंह की इस पोस्ट पर तमाम यूजर्स ने उन्हें बधाई दी। तकरीबन सभी मीडिया पोर्टल्स ने भी इस जानकारी को बिना कोई पड़ताल किये छाप दिया। समाचार एजेंसी एएनआई ने भी अपनी रिपोर्ट में स्वातंत्र्य वीर सावरकर के ऑस्कर में जाने का दावा किया। निर्माताओं के स्टेटमेंट भी अपनी रिपोर्ट में दिये।
मगर, जो लोग ऑस्कर अवॉर्ड्स में फिल्में भेजे जाने की प्रक्रिया से वाकिफ हैं, वो असमंजस में पड़ गये। एकेडमी के नियमानुसार, एक देश से एक ही फिल्म को आधिकारिक प्रविष्टि के तौर पर भेजा जा सकता है। भारत की आधिकारिक प्रविष्टि पहले ही लापता लेडीज तय हो चुकी थी। फिर स्वातंत्र्य वीर सावरकर को लेकर ये दावे क्यों किये गये?
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FFI प्रेसीडेंट ने बताई सच्चाई
अब इस पर फिल्म फेडरेशन के अध्यक्ष रवि कोट्टाकारा का स्टेटमेंट आया है। उन्होंने एचटी सिटी से बात करते हुए स्वातंत्र्य वीर सावरकर के मेकर्स की ओर से गलत जानकारी दी गई है। मैं एक स्टेटमेंट भी जारी करने वाला हूं। सिर्फ लापता लेडीज ऑस्कर्स में भारत की ओर से आधिकारिक तौर पर भेजी जा रही है।
वहीं, फिल्म के सह-निर्माता आनंद पंडित ने भी पोर्टस से कहा कि मुझे नहीं पता, फिल्म कब सब्मिट की गई। मुझे सोमवार को इस बारे में बताया गया था। ऑस्कर्स में जाना बड़ा पड़ाव है। मैं खुश हूं।
एक सम्भावना यह हो सकती है कि स्वातंत्र्य वीर सावरकर के मेकर्स अपनी फिल्म को स्वतंत्र तौर पर ऑस्कर्स में दावेदारी के लिए भेज रहे हो, लेकिन अगर ऐसा है तो इसमें फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया का शुक्रिया अदा करने का कोई औचित्य नहीं बनता।
वैसे, यह फिल्म उन 29 फिल्मों में शामिल थी, जिन्हें भारत की आधिकारिक प्रविष्टि चुनने के लिए ज्यूरी ने देखा था। यहां बताते चलें कि किसी भी देश की ऑफिशियल एंट्री ऑस्कर्स की बेस्ट इंटरनेशनल फीचर फिल्म कैटेगरी में कॉम्पीट करती है।
इसी साल मार्च में रिलीज हुई स्वातंत्र्य वीर सावरकर का निर्देशन रणदीप हुड्डा ने किया था, जो शीर्षक रोल में भी थे। फिल्म ओटीटी प्लेटफॉर्म जी5 पर देखी जा सकती है।