मुंबई: भारतीय सिनेमा का सर्वोच्च पुरस्कार दादा साहब फाल्के अवॉर्ड इस बार वेटरन फ़िल्ममेकर और एक्टर मनोज कुमार को दिया जाएगा। भारतीय सिनेमा में योगदान के लिए मनोज कुमार को ये पुरस्कार दिया जा रहा है।
मनोज को एक राष्ट्रवादी फ़िल्ममेकर माना जाता है। इसीलिए उन्हें भारत कुमार का नाम भी दिया गया है। 78 साल के मनोज कुमार ने अपने फ़िल्मी करियर की शुरूआत 50 के दशक में की थी।
उन्होंने जिन फ़िल्मों में अभिनय किया है, उनमें से ज़्यादातर में किसी ना किसी सामाजिक मुद्दे को छुआ गया है। वहीं देशप्रेम का जज़्बा भी मनोज की कई फ़िल्मों में खुलकर दिखाया गया।
फ़िल्म निर्माण के हर पहलू में उन्होंने अपना हुनर दिखाया है। मनोज कुमार की यादगार फ़िल्मों में शहीद, नीलकमल, शोर, क्रांति, रोटी, कपड़ा और मकान, उपकार, पूरब और पश्चिम जैसी फ़िल्में शामिल हैं।