मुंबई। Mamta Kulkarni: बॉलीवुड एक्ट्रेस रहीं ममता कुलकर्णी ने किन्नर अखाड़ा की महामंडलेश्वर की पदवी छोड़ दी है। सोमवार को पूर्व एक्ट्रेस ने इसकी घोषणा सोशल मीडिया के जरिए की। ममता 24 दिसम्बर को प्रयागराज में चल रहे महाकुम्भ के मेले में महामंडलेश्वर बनी थीं। उन्हें अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने दीक्षा दी थी।
वीडियो जारी कर ममता ने की पद छोड़ने की घोषणा
ममता के नाम से बने एक इंस्टाग्राम एकाउंट पर वीडियो पोस्ट किया गया है, जिसमें एक्ट्रेस ने महामंडलेश्वर पद छोड़ने की वजह बताई है। वीडियो में ममता कहती हैं कि मैं महामंडलेश्वर यमाई ममता नंदगिरि इस पोस्ट से इस्तीफा देती हूं। मेरे महामंडलेश्वर घोषित करने के बाद अखाड़ों के बीच में समस्याएं हो रही हैं। मैं 25 साल से एक साध्वी हूं और साध्वी ही रहूंगी।
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महामंडलेश्वर का सम्मान वो सम्मान होता है, जैसे किसी ने 25 साल स्विमिंग किया हो और जो बच्चे आएंगे, उन्हें ज्ञान देते जाना। इसलिए यह पदवी होती है। मैंने बॉलीवुड छोड़ा दिया। वरना इन सब चीजों से कौन दूर रहता है।
मेरे बारे में आपत्तिजनक बातें की जा रही थीं। मैं ये क्यों करती हूं, वो क्यों करती हूं। सारे देवी-देवता श्रृंगार करते हैं। मैंने देखा, मेरे महामंडलेश्वर बनने से काफी लोगों को आपत्ति हो गई, चाहे वो शंकाराचार्य हों या कोई और हो।
मैंने श्री चैतन्य गगन गिरि महाराज के सानिध्य में 25 साल घोर तपस्या की है। वो सिद्ध पुरुष थे। उनकी बराबरी में मुझे कोई नहीं दिखता। मुझे किसी कैलाश या मानसरोवर पर जाने की जरूरत नहीं है। मैं आचार्य डॉ. लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी का बहुत सम्मान करती हूं।
जहां तक मेरे पैसे के लेन-देन की बात है तो मेरे पास 2 लाख रुपये भी नहीं थे। वो भी महामंडलेश्वर अम्बा गिरि ने दिये थे।
अखाड़े से किया गया था निष्कासित
ममता के महामंडलेश्वर बनने के बाद किन्नर अखाड़ा के संस्थापक अजय दास ने आपत्ति जताते हुए उन्हें और लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को अखाड़े से निष्कासित करने की घोषणा की थी। हालांकि, लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी और अखाड़ा परिषद के अन्य संतों ने अजय दास के दावों पर सवाल खड़े किये थे। ममता लगभग 16 दिनों तक महामंडलेश्वर रहीं।