मुंबई। कंगना रनौत की फिल्म इमरजेंसी को सेंसर बोर्ड ने प्रमाण पत्र नहीं दिया है, जिसके कारण 6 सितम्बर को फिल्म रिलीज नहीं हो सकी थी। सीबीएफसी की ओर से की जा रही देरी के खिलाफ सह-निर्माता जी स्टूडियोज ने बॉम्बे हाई कोर्ट का रुख किया था।
पिछली सुनवाई में हाई कोर्ट ने सेंसर बोर्ड को 25 सितम्बर तक यह फैसला करने का आदेश दिया था कि फिल्म को सर्टिफिकेट दिया जा सकता है या नहीं। सेंसर बोर्ड ने गुरुवार को उच्च न्यायालय को बताया कि रिवाइजिंग कमेटी के बताये हुए कट्स के बाद फिल्म रिलीज हो सकती है। अगली सुनवाई अब 30 सितम्बर को होगी।
कट्स के बाद सर्टिफिकेट
लाइवलॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, मामले की सुनवाई शुरू होते ही जस्टिस बुरगेस कोलबावाला ने कहा कि आज कोई अच्छी खबर दीजिए। इस पर सीबीएफसी के अधिवक्ता डॉ. अभिनव चंद्रचूड़ ने कहा कि हमारी रिवाइडिंग कमेटी ने कुछ कट्स करने की सलाह दी थी, अगर वो हो गये हैं तो फिल्म रिलीज की जा सकती है।
#BombayHighCourt to shortly hear the petition filed by Zee Studios seeking certificate for the release of the Kangana Ranaut – starrer film "Emergency"
— Live Law (@LiveLawIndia) September 26, 2024
A division bench of Justices Burgess Colabawalla and Firdosh Pooniwalla will take up the plea for hearing. @ZeeStudios_… pic.twitter.com/rTcwiseDIN
जारी नहीं हुआ ई-सर्टिफिकेट
सीबीएफसी के अधिवक्ता के इस जवाब पर जी-स्टूडियोज के अधिवक्ता शरण जगतियानी ने समय की मांग की, ताकि वो कट्स पर इंस्ट्रक्शन ले सकें। निर्माताओं की ओर से कोर्ट को बताया गया था कि फिल्म को ई-सर्टिफिकेट जारी किया जा चुका है और कंगना को भी ई-मेल के जरिए बताया गया था। मगर हार्ड कॉपी सेंसर बोर्ड ने नहीं दी है, क्योंकि फिल्म को लेकर सिख समुदाय की ओर से ढेरों आपत्तियों दर्ज करवाई गई हैं।
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हालांकि, सीबीएफसी ने ई-सर्टफिकेट या मेल भेजे जाने की बात से इनकार किया और कहा कि वो ऑटोजनरेटेड मेल हो सकते हैं। फिल्म के निर्माताओं ने आरोप लगाया था कि सीबीएफसी जानबूझकर फिल्म को प्रमाण पत्र देने में देरी कर रही है, क्योंकि बीजेपी हरियाणा चुनाव में सिखों को नाराज नहीं करना चाहती।