Emergency: बॉम्बे हाई कोर्ट ने सेंसर बोर्ड को सुनाई खरी-खरी, 25 सितम्बर तक करें फैसला…सर्टिफिकेट देना है या नहीं!

Emergency release. Photo- Instagram

मुंबई। कंगना रनौत की फिल्म इमरजेंसी की रिलीज को लेकर बॉम्बे हाई कोर्ट ने केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) की कार्यशैली पर नाराजगी जाहिर करते हुए 25 सितम्बर तक यह फैसला करने का आदेश दिया है कि सेंसर बोर्ड फिल्म की रिलीज चाहता है या नहीं। कंगना की फिल्म सेंसर सर्टिफिकेट का इंतजार कर रही है, जिसके चलते इसकी रिलीज लटकी हुई है।

इमरजेंसी 6 सितम्बर को सिनेमाघरों में उतरने वाली थी, मगर सेंसर सर्टिफिकेट ना मिलने की वजह से पोस्टपोन कर दी गई।

सत्तारूढ़ पार्टी की शह पर लटकाई फिल्म

गुरुवार को फिल्म के सह-निर्माताओं ने बॉम्बे हाई कोर्ट में आरोप लगाया कि फिल्म की रिलीज को भारतीय जनता पार्टी की शह पर लटकाया जा रहा है। लाइवलॉ वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार, जी स्टूडियोज के अधिवक्ता ने कहा कि सीबीएफसी जानबूझकर फिल्म की रिलीज में देरी कर रहा है, क्योंकि वो चाहते हैं कि अक्टूबर में हरियाणा चुनाव के बाद फिल्म रिलीज हो।

उन्होंने यह भी कहा कि फिल्म की सह-निर्माता कंगना रनौत बीजेपी एमपी हैं और वो नहीं चाहते कि फिल्म रिलीज हो, क्योंकि इससे एक बीजेपी सदस्य द्वारा एक खास समुदाय की भावनाएं आहत हो रही हैं।

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उच्च न्यायालय ने अधिवक्ता के तर्क सुनने के बाद पूछा कि इसका यह मतलब निकाला जाए, सत्तारूढ़ पार्टी अपनी ही एमपी के खिलाफ है? न्यायाधीशों ने सेंसर बोर्ड द्वारा अभी तक प्रमाण पत्र ना जारी करने पर नाखुशी जाहिर की। इस बात पर भी नाराजगी जाहिर की कि लोग बिना फिल्म देखे कैसे कह सकते हैं कि यह किसी समुदाय के खिलाफ है।

उन्होंने कहा कि यह कोई डॉक्युमेंट्री फिल्म नहीं है। आपको क्या लगता है कि इस देश के लोग इतने मासूम है कि जो भी फिल्म में दिखाया जाएगा, उसे सच मान लेंगे।

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फिल्म पर स्टैंड ले सेंसर बोर्ड

बेंच ने आगे कहा कि रचनात्मक आजादी का क्या होगा? हमारे देश में करोड़ों इंटरनेट यूजर्स हैं। फिल्मों की रिलीज रोकने का यह चलन बंद होना चाहिए, नहीं तो रचनात्मक आजादी और अभिव्यक्ति की आजादी का क्या होगा? न्यायाधीश ने कहा कि आप चाहे जो कीजिए, लेकिन 25 सितम्बर तक यह तय कर लीजिए कि फिल्म रिलीज करनी है या नहीं।

आपमें यह कहने का साहस होना चाहिए कि यह फिल्म रिलीज नहीं की जा सकती। हम सेंसर बोर्ड के फैसले की प्रशंसा करेंगे। बस दीवार पर बैठे मत रहिए। अगर आप यह कहेंगे कि फिल्म रिलीज नहीं हो सकती, तब भी हम इसमें अपना फैसला देंगे। कम से कम यह कहने की हिम्मत तो कीजिए कि फिल्म रिलीज नहीं हो सकती।

सिख समुदाय ने जताई है आपत्ति

इमरजेंसी, इंदिरा गांधी सरकार द्वारा देश में आपातकाल लगाने के दौर को दिखाती है। फिल्म का निर्देशन कंगना रनौत ने किया है। वो खुद इंदिरा गांधी के किरदार में हैं। अनुपम खेर, श्रेयस तलपड़े, मिलिंद सोमन अहम किरदारों में दिखेंगे। फिल्म को लेकर कुछ सिख संगठनों ने आपत्ति जाहिर की है और इस की रिलीज पर रोक लगाने की मांग की है।