मुंबई: रजत कपूर की फ़िल्म ‘आंखों देखी’ बॉक्स ऑफ़िस पर नहीं चली, जबकि क्रिटिक्स ने इस फ़िल्म को पॉजिटिव रिव्यूज़ दिए। एक इंटरव्यू में रजत ने फ़िल्म की असफलता के लिए थिएटर्स को ज़िम्मेदार ठहराया, जिन्होंने ‘आंखों देखी’ के मुक़ाबले ‘रागिनी एमएमएस’, ‘यंगिस्तान’ और ‘ओ तेरी’ जैसी फ़िल्मों को ज़्यादा तवज्जो दी। रजत का कहना था, कि उनकी फ़िल्म में कोई स्टार नहीं था, इसलिए फ़िल्म को थिएटर्स ने नज़रअंदाज़ किया।
कम बजट की फ़िल्म बनाने वाला हर फ़िल्ममेकर रजत की बात से इत्तेफ़ाक़ रखता होगा, कि जब तक फ़िल्म से कोई बड़ा नाम ना जुड़े उसे तवज्जो नहीं दी जाती। रजत के इस मुद्दे को सपोर्ट किया है सुपरस्टार सलमान ख़ान ने, जिनकी फ़िल्मों को दिखाने के लिए एक्ज़ीविटर्स की लाइन लगी रहती है।
ख़ुद सलमान मानते हैं, कि छोटी फ़िल्मों को भी एक मौक़ा दिया जाना चाहिए। एक कम बजट की फ़िल्म ‘ख़्वाब’ के म्यूज़िक लांच में शामिल हुए सलमान ने कहा-
“छोटी फ़िल्में बहुत लगन के साथ बनाई जाती हैं, और लोग इसमें अपना पैसा लगाते हैं। अगर इन फ़िल्मों को सपोर्ट नहीं किया जाता है, तो वो कभी दिखाई नहीं देतीं। इन फ़िल्मों में लगने वाली राशि काफी कम होती है, लेकिन ये किसी की अपनी मेहनत से कमाई गई रकम होती है। लगन है, मेहनत है, पैसे डाले हैं, पर फ़िल्म रिलीज़ नहीं होती, तो वो लोग इंडस्ट्री से निराश हो जाते हैं। मेरा मानना है, कि छोटी फ़िल्मों को भी मौक़ा दिया जाना चाहिए, और दर्शकों को भी ऐसी फ़िल्में देखने जाना चाहिए।”
‘ख़्वाब’ को डेब्यूटेंट डायरेक्टर ज़ैद अली ख़ान ने डायरेक्ट किया है, जबकि फ़िल्म में नवदीप सिंह और सिमर मोटियानी मुख्य क़िरदारों में हैं। ये दोनों भी डेब्यूटेंट हैं। इस फ़िल्म की कहानी दो एथलीट्स के सपनों और संघर्ष पर बेस्ड है। सलमान ने फ़िल्म की तारीफ़ करते हुए कहा, कि ज़ैद ने कमाल की फ़िल्म बनाई है। कलाकारों ने फ़िल्म में बेहतरीन काम किया है।
यहां सलमान छोटी फ़िल्मों को सपोर्ट करने की बात ज़रूर कर रहे हैं, लेकिन सच्चाई ये है, कि रजत की फ़िल्म से ज़्यादा स्क्रींस ‘ओ तेरी’ को मिली थीं। इस फ़िल्म को सलमान के ब्रदर-इन-लॉ अतुल अग्निहोत्री ने प्रोड्यूस किया था, जबकि सलमान ने फ़िल्म की हाइप बढ़ाने के लिए स्पेशल एपीयरेंस किया, लेकिन ये फ़िल्म क्रिटिकली और कॉमर्शियली फ़्लॉप रही।