मुंबई: सैफ़ अली ख़ान का पद्मश्री सम्मान सरकार वापस ले सकती है। मुंबई की एक अदालत ने एक मामले में सैफ़ के खिलाफ आरोप तय कर लिए हैं। इस आधार पर सरकार सैफ़ से ये नागरिक सम्मान वापस लेने पर विचार कर रही है।
सैफ़ को वर्ष 2010 में कला के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। फरवरी, 2012 में मुंबई के एक रेस्तरां में दक्षिण अफ्रीका के एक कारोबारी से हाथापाई के मामले में मार्च, 2014 में मुंबई की एक अदालत ने उनके खिलाफ आरोप तय कर दिए थे।
आरटीआई कार्यकर्ता एससी अग्रवाल ने इस वर्ष 14 मार्च को एक शिकायत के ज़रिए केंद्रीय गृह मंत्रालय से मांग की, कि सैफ़ से ये सम्मान वापस लिया जाए। इसके बाद उन्होंने एक आरटीआई अर्जी दाखिल कर अपनी शिकायत पर सरकार द्वारा उठाए गए कदम की जानकारी मांगी।
गृह मंत्रालय ने अग्रवाल को दिए जवाब में कहा है, कि मामले में विचार-विमर्श चल रहा है। सैफ़ और उनके दोस्तों शकील लड़क और बिलाल अमरोही के खिलाफ कोर्ट ने आईपीसी की धारा 325 (जानबूझकर किसी को नुकसान पहुंचाना) और 34 (संगठित रूप से एक ही मंशा के लिए काम करना) के तहत आरोप तय किए हैं।