साहित्यकारों के बाद फ़िल्मकारों ने लौटाए पुरस्कार

मुंबई के प्रेस क्लब में पुरस्कार लौटाने का ऐलान करते फ़िल्मकार।
मुंबई: साहित्यकारों के बाद अब फ़िल्मकारों ने भी देश में अतिवादी गतिविधियों के विरोध में पुरस्कार और सम्मान लौटान शुरू कर दिया है। बुधवार को मुंबई में दस फ़िल्मकारों ने राष्ट्रीय सम्मान लौटाने का ऐलान किया।
इन फ़िल्मकारों में दिबाकर बैनर्जी, आनंद पटवर्द्धन, परेश कामदार, निष्ठा जैन, कीर्ति नखवा, हर्षवर्द्धन कुलकर्णी, हरि नायर, राकेश शर्मा, इंद्रनील लाहिड़ी और लिपिका सिंह दाराई शामिल हैं।
मुंबई के प्रेस क्लब में पुरस्कार लौटाने का ऐलान करते फ़िल्मकार।
मुंबई के प्रेस क्लब में पुरस्कार लौटाने का ऐलान करते फ़िल्मकार।
पुरस्कार लौटाने के पीछे एफटीआईआई का मुद्दा भी है।
दिबाकर बैनर्जी
खोसला का घोसला (2007)
ओए लकी, लकी ओए (2009)
आनंद पटवर्द्धन
ब़ॉम्बे ऑवर सिटी (1984)
परेश कामदार
रसयात्रा (1995)
निष्ठा जैन
गुलाबी गैंग (2014)
कीर्ति नखवा
लॉस्ट एंड फाउंड (2008)
हर्षवर्द्धन कुलकर्णी
लॉस्ट एंड फाउंड (2008)
हरि नायर
शाम्स विज़न (1997)
राकेश शर्मा
फाइनल स़ॉल्यूशन (2006)
इंद्रनील लाहिड़ी
अमर कथा, स्टोरी ऑफ़ विनोदिनी (2014)
लिपिका सिंह दाराई
गरुड़ (2009)