मुंबई: धार्मिक अंध विश्वासों पर प्रहार करने वाली फ़िल्में अक्सर विवादों में रहती हैं, और समाज का एक हिस्सा इनका विरोध करता है। मगर, फिर भी फ़िल्ममेकर्स ऐसी कहानियों को पर्दे पर लेकर आते रहते हैं।
अब इस लिस्ट को ज्वाइन कर रही है ‘धरम संकट में’, जिसे डेब्यूटेंट फुवाद ख़ान ने डायरेक्ट किया है। फ़िल्म में लीड रोल निभा रहे हैं परेश रावल, नसीरूद्दीन शाह और अन्नू कपूर। नसीरूद्दीन शाह फ़िल्म में धार्मिक गुरू के रोल में हैं।
फ़िल्म का फर्स्ट लुक मुंबई में रिलीज़ किया गया। इम मौक़े पर नसीर ने कहना है, कि जो लोग खुद को प्रोफेट या गॉडमैन बना लेते हैं, वो काफ़ी ज़हीन होते हैं, लेकिन अपनी ज़हालत का ग़लत इस्तेमाल करते हैं।
नसीर ने आगे कहा, कि अपनी बात पहुंचाने के लिए सबसे पहले सुनने वाले का ध्यान अपनी तरफ खींचना होगा, और ह्यूमर से बेहतर कोई तरीक़ा नहीं है। तीस साल पहले जाने भी दो यारों को करते वक़्त हम सबको लगा था, कि बेवकूफ़ी की फ़िल्म है, लेकिन सालों बाद उसे लोग आज भी पसंद करते हैं। मैं इस फ़िल्म को उसी केटेगरी में डालूंगा।
‘ओएमजी- ओह माई गॉड’ जैसी फ़िल्म कर चुके परेश रावल का मानना है, कि फ़िल्मों से समाज को नहीं बदला जा सकता, लेकिन लोग सोचने को मजबूर ज़रूर होते हैं। ‘धरम संकट में’ 10 अप्रैल को रिलीज़ हो रही है।