Gram Chikitsalay on Prime Video: पंचायत के बाद TVF लाया देश का पहला ग्रामीण मेडिकल ड्रामा

TVF brings medical drama set in rural India. Photo-Instagram

मुंबई। Gram Chikitsalay on Prime Video: मेडिकल ड्रामा एक लोकप्रिय जॉनर है। कई अंतरराष्ट्रीय शोज इस पर बन चुके हैं। भारत में भी मेडिकल ड्रामा बने हैं, मगर ज्यादातक की कहानी शहरों में दिखाई गई है।

मगर, टीवीएफ देश का पहला मेडिकल ड्रामा ग्राम चिकित्सालय लेकर आ रहा है, जिसकी कहानी एक गांव के प्राथमिक चिकित्सा केंद्र में स्थापित की गई है।

क्या है शो की कहानी?

सोमवार को प्राइम वीडियो ने शो का एलान किया। इस शो के रचयिता भी दीपक कुमार मिश्रा ही हैं, जिन्होंने पंचायत बनाया है। कहानी वैभव सुमन और श्रेया श्रीवास्तव ने लिखी है, जबकि निर्देशन राहुल पांडे का है। पांच एपिसोड्स वाली सीरीज एक महत्वाकांक्षी शहरी डॉक्टर डॉ. प्रभात की यात्रा पर आधारित है।

प्रभात दूरदराज के एक गांव भटकंडी में लगभग बंद पड़े सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्र को फिर से शुरू करने का बीड़ा उठाता है, मगर इसके लिए उसे सरकारी तंत्र की अड़चनों, स्थानीय लोगों की शंकाओं और छोटे कस्बे की अनोखी परेशानियों से जूझना पड़ता है।

यह भी पढ़ें: Upcoming OTT Releases In May: मसालेदार होगी मई! इन फिल्मों और सीरीज से समर सीजन में बढ़ेगा ओटीटी का तापमान

कब शुरू होगा शो?

ग्राम चिकित्सालय में अमोल पाराशर और विनय पाठक मुख्य भूमिकाओं में नजर आएंगे। उनके साथ आकांक्षा रंजन कपूर, आनंदेश्वर द्विवेदी, आकाश मखीजा और गरिमा विक्रांत सिंह जैसे शानदार कलाकार भी अहम किरदार निभाते हुए दिखेंगे।

शो 9 मई से प्राइम वीडियो पर स्ट्रीम होगा।

प्राइम वीडियो इंडिया के कंटेंट लाइसेंसिंग निदेशक मनीष मेंघानी ने कहा, “ग्राम चिकित्सालय सीरीज हास्य और सामाजिक टिप्पणियों को एक साथ बहुत ही कुशलता से पिरोती है। ग्रामीण भारत के हृदय में एक आदर्शवादी युवा डॉक्टर की कहानी कहती है। यह यात्रा दर्शकों को एक ऐसे अनुभव से रूबरू कराती है, जो विशुद्ध रूप से भारतीय होते हुए भी मानवीय भावनाओं से सार्वभौमिक रूप से जुड़ा है।”

द वायरल फीवर के अध्यक्ष विजय कोशी ने कहा, “ग्राम चिकित्सालय के ज़रिए हम एक ऐसी कहानी पेश कर रहे हैं, जो दिल को छूने वाली और प्रेरणादायक है, यह ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं की चुनौतियों और सफलताओं को एक ऐसे अंदाज़ में दिखाती है जो हास्यपूर्ण होने के साथ-साथ गहराई से जुड़ाव भी पैदा करता है।

इस सीरीज़ की मूल भावना जज़्बे, आपसी जुड़ाव और हर मुश्किल के बावजूद बदलाव की कोशिश के बारे में है। डॉ. प्रभात की यात्रा के ज़रिए हम उस संघर्ष को दिखाते हैं, जहां आदर्शवाद की टक्कर हकीकत से होती है। वह सिर्फ़ बीमारियों से नहीं लड़ रहा है, वह गहरी जड़ें जमाए हुए सिस्टम, पूर्वाग्रहों और यथास्थिति को चुनौती दे रहा है।”