मुंबई। Mamta Kulkarni Expelled: बॉलीवुड एक्ट्रेस ममता कुलकर्णी को किन्नर अखाड़े से निष्कासित कर दिया गया है। उनसे महामंडलेश्वर की पदवी भी छीन ली गई है।
किन्नर अखाड़ा के संस्थापक ऋषि अजय दास ने गुरुवार को एक स्टेटमेंट जारी करके इस फैसले की जानकारी दी। साथ ही उन कारणों के बारे में भी बताया, जिनके चलते ममता को अखाड़े से निकाला गया है। हालांकि, ऋषि अजय दास के इस फैसले पर संत समाज सवाल उठाने लगा है।
सात दिन की महामंडलेश्वर ममता?
प्रयागराज में चल रहे महाकुम्भ मेले में 24 जनवरी को ममता को दीक्षा देकर महामंडलेश्वर बनाया गया था। पदवी धारण करने से पहले ममता ने गंगा में आचमन करके अपना पिंडदान किया था। इसके बाद जरूरी रस्मों के साथ उन्हें महामंडलेश्वर की पदवी प्रदान की गई। उन्हें नया नाम श्री यामाई ममता नंदगिरी दिया गया था।
इस कार्यक्रम के फोटो और वीडियोज सोशल मीडिया में छाये रहे थे। मगर, ममता सात दिन ही महामंडलेश्वर रह पाईं। किन्नर अखाड़े में शामिल होने और महामंडलेश्वर की पदवी दिलाने तक, लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी की भूमिका अहम रही थी। उन्हें भी अखाड़े ने पदमुक्त और निष्कासित कर दिया है।
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क्यों किया गया निष्कासित?
किन्नर अखाड़े के प्रमुख ऋषि अजय दास के स्टेटमेंट के मुताबिक, ममता को महामंडलेश्वर बनाने में नियमों की अनदेखी की गई। प्रक्रियागत जरूरी कदमों का पालन नहीं किया गया। ममता को उनकी जानकारी के बिना महामंडलेश्वर बनाया गया, जो धोखाधड़ी में आता है।
स्टेटमेंट में कहा- अखाड़े की परम्पराओं का पालन नहीं किया गया। पहले उन्हें संन्यास दिलवाने के बजाय सीधे महामंडलेश्वर की पदवी और पट्टा दे दिया गया, जिसके चलते में आज उन्हें देश, सनातन धर्म और समाज के हित में पद से मुक्त कर रहा हूं।
किन्नर अखाड़े ने यह आरोप भी लगाया कि महामंडलेश्वर त्रिपाठी ने 2019 के कुम्भ मेले में जूना अखाड़ा के साथ सौदा किया था, जिसकी जानकारी ऋषि दास को नहीं दी गई थी। इस डील के तहत लोग रीति-रिवाज का पालन किये बगैर या संन्यास लिये बिना ही गलत ढंग से अखाड़ा ज्वाइन कर रहे थे।
ये लोग एक तरह से सनातम प्रेमियों और समाज को छल रहे थे। इसलिए, लोक कल्याण के लिए मुझे यह सारी जानकारी सार्वजनिक करनी पड़ी।
ममता के महामंडलेश्वर बनाये जाने पर कथावाचक जगतगुरु हिमांगी सखी मां ने भी सवाल उठाये थे। उन्होंने कहा था कि ममता चर्चा में आने के लिए महामंडलेश्वर बनी हैं। समाज उनके अतीत को अच्छी तरह जानता है। ड्रग्स से जुड़े मामले में वो जेल जा चुकी हैं। इसकी जांच करने की जरूरत है।
ममता-लक्ष्मी को मिला अखाड़ा परिषद का साथ
महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी और ममता कुलकर्णी को अखाड़े से निकाले जाने पर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने कहा कि लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को निष्कासित करने वाले वो (ऋषि अजय दास) कौन होते हैं। पुरी ने कहा कि 13 अखाड़ों ने लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी का समर्थन किया था।
जूना अखाड़ा उन्हें अपने साथ स्नान करवाता है। जूना अखाड़ा उन्हें अपना मानता है। जो उन्हें हटाना चाहते हैं, उनका नाम हमने पहली बार सुना है। हम लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को ही जानते हैं। जो उनकी काउंसिल है, उन्हें जानते हैं।
ममता कुलकर्णी पर महंत पुरी ने कहा कि वैराग्य किसी को भी किसी भी उम्र में आ सकता है। हमारे यहां ऐसे भी ऋषि-मुनि रहे हैं, जिनके कर्म अच्छे नहीं रहे हैं। किसी भी जाति किसी भी पेशे के व्यक्ति को वैराग्य आ सकता है। हम सब लक्ष्मी जी के साथ हैं, हम साथ ममता जी के साथ हैं। वसंत पंचमी पर सब जूना अखाड़ा के साथ स्नान करेंगे।
#WATCH | Prayagraj, UP | On the expulsion of Mahamandleshwar Laxmi Narayan Tripathi and Mamta Kulkarni from Kinnar Akhara, President of Akhil Bharatiya Akhada Parishad, Mahant Ravindra Puri says, "I want to ask who is he (Rishi Ajay Das) to expel Laxmi Narayan Tripathi. All the… https://t.co/4Xg89fUjZa pic.twitter.com/GRXf1ndIge
— ANI (@ANI) January 31, 2025
किन्नर अखाड़े से ऋषि अजय दास का नही कोई संबंध
किन्नर अखाड़ा की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने ऋषि अजय दास के दावों पर सवाल उठाये हैं। उन्होंने एएनआई से बातचीत में कहा कि अजय दास को 2017 में ही निष्कासित कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि ममता कुलकर्णी अगर इस्लाम ग्रहण कर लेती तो कोई नहीं बोलता। अगर सनातन की बेटी सनातन में आई है तो अच्छी बात है।
#WATCH | Acharya Mahamandaleshwar Laxmi Narayan Tripathi of Kinnar Akhara says, "…When we started in 2015, Rishi Ajay Das was indeed with us. But the ashram that was donated to Kinnar Akhara, Rishi Ajay Das sold it and used the money for luxury. He was in Mumbai for a few days… pic.twitter.com/rW8TB9jhhI
— ANI (@ANI) January 31, 2025
विवादित रहा ममता कुलकर्णी का करियर
मराठी ब्राह्मण परिवार में जन्मी ममता कुलकर्णी का बॉलीवुड करियर ज्यादा लम्बा नहीं रहा, मगर इस दौरान उन्होंने अपने सामयिक सभी बड़े कलाकारों के साथ फिल्में कीं। ममता ने 1991 में तमिल फिल्म नानबरगल से डेब्यू किया था। फिर इसके हिंदी रीमेक मेरा दिल तेरे लिए में भी लीड एक्ट्रेस रहीं।
हिंदी सिनेमा में उनकी पहली फिल्म तिरंगा है, जिसमें उनकी पेयरिंग हरीश के साथ थी। हालांकि, उनको बड़ी पहचान अक्षय कुमार और सुनील शेट्टी की फिल्म वक्त हमारा से मिली, जिसमें ममता सुनील के अपोजिट थीं।
ममता ने सैफ अली खान के साथ आशिक आवारा, सलमान खान के साथ करन अर्जुन, आमिर खान के साथ बाजी, अक्षय कुमार के साथ सबसे बड़ा खिलाड़ी, गोविंदा के साथ किस्मत, मिथुन चक्रवर्ती के साथ अहंकार में काम किया। लगभग 10 साल के करियर में ममता ने कुछ साउथ फिल्में भी कीं।
बॉलीवुड से दूर चली गईं ममता 2016 में फिर सुर्खियों में आईं, जब एक ड्रग्स केस में उनका नाम उछला। बॉलीवुड के बाद ममता की जिंदगी के बारे ज्यादा जानकारी सार्वजनिक तौर पर सामने नहीं आई।