मुंबई। Mamta Kulkarni: मायानगरी के मोह से तो ममता कुलकर्णी साल 2002 में ही आजाद हो गई थीं, जब उनकी आखिरी फिल्म कभी तुम कभी हम रिलीज हुई थी, अब सांसारिक माया से भी ममता ने मुंह मोड़ लिया है और आधिकारिक तौर पर अध्यात्म की राह पकड़ ली है।
शुक्रवार को ममता कुलकर्णी ने प्रयागराज में चल रहे महाकुम्भ में विधि-विधान के साथ किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर की पदवी धारण कर ली। इससे पहले ममता ने संगम में डुबकी लगाकर जीते जी अपना पिंडदान करके संन्यास ग्रहण किया।
भावुक हुईं ममता कुलकर्णी
किन्नर अखाड़े के पदाधिकारियों ने ममता को महामंडलेश्वर बनाने के लिए रस्में शुरू कीं तो पूर्व अभिनेत्री भावुक नजर आईं। गेरुआ वस्त्र पहने गले में रूद्राक्ष की माला और माथे पर हल्दी-चंदन का लेप ममता के अतीत को मिटा रहा था।
VIDEO | Actor Mamta Kulkarni consecrated as a Hindu nun under the Kinnar Akhara. Earlier today, she took 'sanyas' under the Kinnar Akhara by performing her own 'Pind Daan' and will be consecrated as 'mahamandaleshwar'.
— Press Trust of India (@PTI_News) January 24, 2025
(Full video available on PTI Videos -… pic.twitter.com/K0pz9ZkpCx
ममता (Mamta Kulkarni) ने संन्यास ग्रहण करने से पहले मीडिया से कहा- महामंडलेश्वर बनाने की बात चल रही थी। आज महाशक्ति ने मुझे आदेश दिया कि मुझे यह चुनना है। 2000 से मैंने तपस्या शुरू की थी। आज मुझे 23 साल हो गये हैं। महामंडलेश्वर की उपाधि के लिए मेरी परीक्षा ली गई। हर प्रकार के प्रश्नों में मैं उत्तीर्ण हो गई। तब जाकर मुझे महामंडलेश्वर की उपाधि प्राप्त हो गई।
किन्नर अखाड़े से ऐसे हुआ जुड़ाव
ममता को महामंडलेश्वर की पदवी तक ले जाने में लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी की भूमिका अहम रही, किन्नर समाज की जानी-मानी एक्टिविस्ट रही हैं और किन्नर अखाड़ा की आचार्य महामंडलेश्वर हैं। उन्होंने बताया कि पिछले डेढ़ दो साल से ममता उनके सम्पर्क में थीं। वो हमेशा चाहती थीं कि सत्य सनातन धर्म से जुड़ें।
वो पहले जूना अखाड़े के एक महामंडलेश्वर की शिष्या थीं। महामंडलेश्वर जी ब्रह्मलीन हो गये। बाद में वो हमारे पास आईं। हमारी बातचीत होती रही। जब वो कुम्भ में हमारे पास आईं तो उन्होंने इच्छा जताई कि मुझे कोई पद दीजिए। उन्होंने महामंडलेश्वर बनने की इच्छा जाहिर की। हमने उन्हें पूरी प्रक्रिया समझाई कि किन्नर अखाड़े में कैसे होता है। हमने उनका नाम श्री यमाई ममता नंदगिरि घोषित किया।
आचार्य लक्ष्मी ने बताया कि उन्हें पिंडदान करना होगा। उनकी चोटी काटी जाएगी। नये वस्त्र धारण करेंगी। जैसे धर्म में होता है, हमारे किन्नर अखाड़े का जो कानून है, उसी के अनुसार होगा।
पिछले साल 4 दिसम्बर को ममता ने इंस्टाग्राम पर पोस्ट एक वीडियो में कहा था कि वो 25 साल बाद अपने देश लौट रही हैं। इस वीडियो के साथ कैप्शन में ममता ने लिखा था कि वो महाकुम्भ के लिए आई हैं।
संतों ने किया स्वागत
ममता के अतीत और विवादों की रोशनी में उनकी इस नई भूमिका को लेकर तरह-तरह की बातें होना स्वाभाविक हैं, लेकिन संत समाज ने उन्हें स्वीकार कर लिया है। जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज ने कहा- संन्यास लेने का अधिकार सबको है। सांसारिक मोह माया छोड़कर परमार्थ के कार्यों के लिए अगर कोई व्यक्ति आना चाहता है तो उसका स्वागत है।
आमिर, सलमान, अक्षय की बनीं हीरोइन
मराठी ब्राह्मण परिवार में जन्मी ममता कुलकर्णी का बॉलीवुड करियर ज्यादा लम्बा नहीं रहा, मगर इस दौरान उन्होंने अपने सामयिक सभी बड़े कलाकारों के साथ फिल्में कीं। ममता ने 1991 में तमिल फिल्म नानबरगल से डेब्यू किया था। फिर इसके हिंदी रीमेक मेरा दिल तेरे लिए में भी लीड एक्ट्रेस रहीं।
हिंदी सिनेमा में उनकी पहली फिल्म तिरंगा है, जिसमें उनकी पेयरिंग हरीश के साथ थी। हालांकि, उनको बड़ी पहचान अक्षय कुमार और सुनील शेट्टी की फिल्म वक्त हमारा से मिली, जिसमें ममता सुनील के अपोजिट थीं।
ममता ने सैफ अली खान के साथ आशिक आवारा, सलमान खान के साथ करन अर्जुन, आमिर खान के साथ बाजी, अक्षय कुमार के साथ सबसे बड़ा खिलाड़ी, गोविंदा के साथ किस्मत, मिथुन चक्रवर्ती के साथ अहंकार में काम किया। लगभग 10 साल के करियर में ममता ने कुछ साउथ फिल्में भी कीं।
बॉलीवुड से दूर चली गईं ममता 2016 में फिर सुर्खियों में आईं, जब एक ड्रग्स केस में उनका नाम उछला। बॉलीवुड के बाद ममता की जिंदगी के बारे ज्यादा जानकारी सार्वजनिक तौर पर सामने नहीं आई।