The Sabarmati Report Trailer: सच की तलाश में जुटा ‘हिंदी का पत्रकार’, ‘अंग्रेजी’ ने बीच में अड़ाई टांग

The Sabarmati Report trailer out. Photo- Instagram
खास बातें

* 2002 की घटना से प्रेरित है द साबरमती रिपोर्ट
* हिंदी पत्रकार की भूमिका में हैं विक्रांत मैसी
* एकता कपूर ने किया है फिल्म का निर्माण

मुंबई। The Sabarmati Report Trailer Out: अंग्रेजी की पत्रकारिता को भरोसेमंद मानना और हिंदी के पत्रकारों को हल्के में लेने की एक प्रचलित विचारधारा समाज में अक्सर देखी जाती है। द साबरमती रिपोर्ट का ट्रेलर कुछ इसी पूर्वाग्रह पर आगे बढ़ता हुआ नजर आता है, जिसकी पृष्ठभूमि में देश को हिला देने वाली 2002 की एक घटना है।

बुधवार को फिल्म का झन्नाटेदार ट्रेलर रिलीज कर दिया गया है, जिसके साथ फिल्म को लेकर तस्वीर ज्यादा साफ होने के साथ कहानी की गहराई और क्रम समझ में आता है।

क्या कहता है द साबरमती रिपोर्ट का ट्रेलर?

विक्रांत मैसी हिंदी भाषा के जर्नलिस्ट के किरदार में हैं, जो गुजरात के गोधरा स्टेशन पर आगे की हवाले की गई साबरमती ट्रेन का सच लोगों तक पहुंचाने में अपनी जान की भी परवाह नहीं करता। इसमें उसका साथ देती हैं राशि खन्ना, जो खुद पत्रकार हैं।

वहीं, रिद्धि डोगरा अंग्रेजी की टीवी जर्नलिस्ट और एंकर के रोल में हैं, जो देश की जनता को वो नहीं बता रही, जो बताना चाहिए। वो साबरमती एक्सप्रेस में आगजनी की वारदात को हादसा करार देती है और यहीं से विक्रांत के किरदार को अलग रास्ता चुनना पड़ता है।

यह भी पढ़ें: November Releases In Cinemas: बॉक्स ऑफिस पर उतरेगा आधा बॉलीवुड, बड़े-बड़े नामों पर लगा बड़ा दाव

धीरज सरना निर्देशित फिल्म का विषय गंभीर है, मगर इसका ट्रीटमेंट सहज रखा गया है। विक्रांत मैसी के संवादों में तल्खी के साथ ह्यूमर भी रहता है, जिससे दृश्य बोरिंग नहीं लगते। कथ्य और किरदारों में एक रवानगी नजर आती है। प्रोडक्शन क्वालिटी भी दृश्यों को दर्शनीय बनाती है।

द साबरमती रिपोर्ट को एकता कपूर ने प्रोड्यूस किया है। फिल्म 15 नवम्बर को सिनेमाघरों में रिलीज होगी।

क्या थी साबरमती एक्सप्रेस की घटना?

27 फरवरी, 2002 को अयोध्या से आ रही हिंदू यात्रियों से भरी साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन में गोधरा स्टेशन पर आग लग गई थी, जिसमें कई जानें गई थीं। ट्रेन में आग लगने की वजह साफ नहीं हुई थी। हालांकि, इसके लिए एक समुदाय विशेष को जिम्मेदार माना गया और इसके परिणामस्वरूप गोधरा दंगों की विकराल तस्वीर सामने आई थी। इस घटना को लेकर खूब बातें की गईं, राजनीति हुई और आज भी अक्सर बहस के दायरे में आ जाती है।

यह भी पढ़ें: Azaad Teaser: ‘सिंघम अगेन’ के बाद Ajay Devgn ने थामी भांजे अमन के डेब्यू की ‘लगाम’, रिलीज किया टीजर

साबरमती एक्सप्रेस में आग लगने की घटना के बाद राज्य सरकार ने इसकी जांच के लिए नानावटी-महेता कमीशन गठित किया था, जिसकी 2008 की रिपोर्ट के अनुसार, साबरमती एक्सप्रेस में आग लगना कोई हादसा नहीं, बल्कि सोची-समझी साजिश थी, जिसे हजारों मुस्लिमों की भीड़ ने अंजाम दिया था।

वहीं, तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव द्वारा 2004 में गठित एक सदस्यीय पैनल बनर्जी आयोग की 2006 में आई रिपोर्ट में इसे हादसा बताया गया था। हालांकि, गुजराज हाई कोर्ट ने बाद में इस कमीशन को गैरसंवैधानिक करार देते हुए इसकी रिपोर्ट को सिरे से खारिज कर दिया था।

एक एनजीओ की स्वतंत्र जांच में भी पाया गया था कि ट्रेन में आग लगने की घटना हादसा थी। 2011 में ट्रायल कोर्ट ने 31 मुस्लिमों को ट्रेन जलाने का दोषी माना था। हालांकि, यह फैसला नानावटी-मेहता आयोग की रिपोर्ट में दिये गये सबूतों की रोशनी में दिया गया था। 2017 में हाई कोर्ट ने इस फैसले को बरकरार रखा।