‘रेशमा जी की विरासत का कुछ तो सम्मान कीजिए’, Do Patti के गाने पर भड़के पाकिस्तान एक्टर

Adnan Siddiqui on Do Pati Song. Photo- Screenshots
खास बातें: 

* कृति सेनन पर फिल्माया गया है अंखियां दे कोल गाना
* पाकिस्तान एक्टर अदनान सिद्दीकी ने रीमिक्स को किया क्रिटिसाइज
* 45 साल पुराना है ओरिजिनल अंखियां नू रहण दे गाना

मुंबई। हिंदी सिनेमा में पुराने गानों को रीमिक्स करने का सिलसिला काफी वक्त से चल रहा है। कभी बॉलीवुड तो कभी किसी दूसरी भाषा या लोक गीतों को नये कलेवर के साथ फिल्मों में स्पेशल गीतों के तौर पर पेश किया जा रहा है। ऐसे गीत जब भी रिलीज होते हैं तो एक बहस शुरू हो जाती है।

एक पक्ष इनके साथ होता है तो दूसरा पक्ष लीजेंड्री गीतों या संगीत के साथ छेड़छाड़ के खिलाफ रहता है। अब दो पत्ती फिल्म के गाने अंखियां दे कोल को लेकर यही सब दोहराया जा रहा है।

कृति सेनन पर फिल्माया गया है अंखियां दे कोल

शशांक चतुर्वेदी निर्देशित और कृति सेनन, काजोल, शहीर शेख स्टारर की फिल्म दो पत्ती 25 अक्टूबर को नेटफ्लिक्स पर रिलीज हो रही है। यह एक मिस्ट्री थ्रिलर फिल्म है, जिसमें कृति डबल रोल में दिखेंगी। दो पत्ती कृति की पहली होम प्रोडक्शन फिल्म भी है।

हाल ही में इसका अंखियां दे कोल गाना रिलीज हुआ है, जिसके वीडियो में कृति सेनन चटख लाल रंग की बॉडीकॉन जम्पसूट ड्रेस पहनकर मादक अदाएं दिखाते हुए थिरक रही हैं।

अंखियां दे कोल गाना लीजेंड्री पाकिस्तानी सिंगर रेशमा का गाना है, जिसे दो पत्ती के लिए तनिष्क बागची ने रीमिक्स किया है, जबकि शिल्पा राव ने आवाज दी है। गाने के बोल भी बदले गये हैं, जिन्हें कौसर मुनीर ने लिखा है। गाने में रैप का तड़का भी डाला गया है, जिसके पीछे मेलो डी हैं।

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गाना यहां सुने अंखियां दो कोल गाना:

भड़के पाकिस्तानी एक्टर अदनान

यह गाना कुछ लोगों को पसंद तो कुछ को नापसंद आ रहा है। नापसंद करने वालों में पाकिस्तानी एक्टर अदनान सिद्दीकी भी हैं, जिन्होंने सोशल मीडिया में इसकी जमकर मजम्मत की है और इसे रेशमा जी की विरासत का अपमान बताया है।

एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर अदनान ने लिखा- किसी की नकल करना उसकी तारीफ हो सकती है, मगर उस वक्त नहीं, जब इसका मतलब किसी लीजेंड की विरासत की बखिया उधेड़ना हो। कृपया, रेशमा जी और उनकी विरासत के लिए कुछ सम्मान तो दिखाइए। उनके संगीत को गरिमा के साथ इस्तेमाल कीजिए, उसे घटिया नकल मत बनाइए।

अदनान की इस पोस्ट पर कुछ यूजर्स ने प्रतिक्रिया भी दी है। एक यूजर ने लिखा- तो कृपया अपने गाने भारतीय कम्पनियों को मत बेचिए या उन पर यह साफ लिखिए कि भारतीय फिल्मों में ये गाने इस्तेमाल नहीं होंगे। ज्यादातर पाकिस्तानी गाने कई भारतीयों ने पहले सुने भी नहीं थे। आपके देश के लिए वो क्लासिक होंगे। हालांकि, कई यूजर्स ने अदनान की बात का समर्थन भी किया है।

45 साल पुराना है अंखियां नू रहण दे

दो पत्ती गाने के साथ दी गई जानकारी में मूल गाने के रचयिताओं को भी क्रेडिट दिया गया है, जिसके मुताबिक अंखियां नू रहण दे गी 1979 का है और इसके राइट्स ईएमआई (पाकिस्तान) लिमिटेड के पास हैं। सहराज गुरदासपुरी के बोलों को रेशमा ने आवाज दी है और खान मुहम्मद ने इसका संगीत दिया है।

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यहां सुनिए, रेशमा की आवाज में ओरिजिनल गीत अंखियां नू रहण दे अंखियां दे कोल कोल:

कौन थीं दिग्गज गायिका रेशमा?

ब्रिटिश भारत में राजस्थान के चूरू के लोहा गांव में रेशमा का जन्म बंजारा जनजाति में हुआ था। उनके पिता हाजी मुहम्मद मुश्ताक मलाशी ऊंटों के व्यापारी थे। 1947 में बंटवारे के बाद उनका कबीला पाकिस्तान के कराची शहर चला गया था। उस वक्त रेशमा महज एक महीने की थीं। उन्होंने गाने की तालीम नहीं ली थी। उनका बचपन मजारों पर गाते हुए बीता था।

रेशमा का सबसे मशहूर गीत दमादम मस्त कलंदर है। उनके गीतों का फिल्मों में भी इस्तेमाल किया जाता रहा है। राजकपूर ने अंखियों नू रहण दे गाने के हिंदी अनुवाद अंखियों को रहने दे अंखियों के आस-पास को बॉबी फिल्म में शामिल किया था।

सुभाष घई ने अपनी फिल्म हीरो में उनकी आवाज का इस्तेमाल किया। रेशमा का गाया लम्बी जुदाई हिंदी सिनेमा के लोकप्रिय गीतों में शामिल है। रेशमा का निधन 2013 में लाहौर के एक अस्पताल में हुआ था।