खास बातें
* एकता कपूर और शोभा कपूर से पुलिस ने की पूछताछ
* स्टेटमेंट में दावा- एकता और शोभा का इससे कोई लेना-देना नहीं
* एमपी में सीरीज के सातवें सीजन को रोकने की मांग
मुंबई। वेब सीरीज गंदी बात को लेकर एकता कपूर और शोभा कपूर पर पोक्सो एक्ट के तहत रिपोर्ट दर्ज होने के बाद कम्पनी ने स्टेटमेंट जारी करके अपना पक्ष रखा है, जिसमें आरोपों को गलत बताया गया है। स्टेटमेंट में यह भी कहा गया है कि शोभा कपूर और एकता कपूर कम्पनी की दैनिक गतिविधियों में शामिल नहीं रहती हैं।
सोशल मीडिया में ऑल्ट ने जारी किया स्टेटमेंट
ऑल्ट डॉट इन के इंस्टाग्राम एकाउंट पर साझा किये गये स्टेटमेंट में कहा गया है- गंदी बात वेब सीरीज के संबंध में आईं मीडिया रिपोर्ट्स के संबंध में, ऑल्ट डिजिटल मीडिया एंटरटेनमेंट लिमिटेड (कम्पनी), यह स्पष्टीकरण देती है कि यह पोक्सो एक्ट समेत सभी मान्य कानूनों का पालन करती है और कम्पनी द्वारा अल्पवयस्कों को शामिल करने की बातें पूरी तरह गलत हैं।
यह भी स्पष्ट किया जाता है कि मिसेज शोभा कपूर और मिस एकता आर कपूर किसी भी तरह से कम्पनी के दैनिक कार्यों में शामिल नहीं होतीं। इसे अलग टीमें मैनेज करती हैं, जिसमें कंटेंट स्ट्रेटजी भी शामिल है। कम्पनी को न्याय व्यवस्था में पूरा यकीन है और जांच में अथॉरिटीज के साथ सहयोग कर रही है।
चूंकि, अभी जांच चल रही है और मामला न्यायाधीन है, इसलिए कम्पनी इस पर विस्तार से बात नहीं करना चाहती।
क्या है मामला?
2021 में आई ऑल्ट बालाजी की वेब सीरीज गंदी बात को लेकर मुंबई के एमएचबी पुलिस स्टेशन में एकता कपूर और शोभा कपूर के खिलाफ POCSO एक्ट में एक रिपोर्ट दर्ज करवाई गई है, जिसमें कहा गया है कि सीरीज के छठे सीजन के एक एपिसोड में अल्पवयस्क लड़कियों पर अश्लील दृश्य फिल्माये गये हैं।
इस सीरीज के निर्देशक सचिन मोहिते हैं। हालांकि, बाद में विवादित एपिसोड को ओटीटी प्लेटफॉर्म्स से हटा दिया गया है। पूरी खबर इस लिंक पर पढ़ सकते हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सोमवार को मामले में एकता कपूर से मुंबई पुलिस ने कई घंटे तक पूछताछ की थी। 24 अक्टूबर को दोबारा बुलाया गया है।
गरमा रही राजनीति
उधर, मामले पर राजनीति शुरू हो गई है। मध्य प्रदेश के भाजपा विधायक अभिलाष पांडेय ने सीरीज के सातवें सीजन को एमपी में रिलीज होने से रोकने के लिए पुलिस को ज्ञापन दिया है। विधायक ने कहा कि सीरीज में बच्चों के इस्तेमाल को रोका जाना चाहिए और दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए।