खास बातें:
- इमरजेंसी का निर्माण-निर्देशन कंगना ने किया है
- फिल्म में उन्होंने इंदिरा गांधी की भूमिका निभाई है
- इमरजेंसी आपातकाल की घटनाओं पर आधारित है
मुंबई। लम्बे इंतजार और कानूनी लड़ाई के बाद आखिरकार कंगना रनौत की फिल्म इमरजेंसी को केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) से हरी झंडी मिल गई है। इसके साथ ही फिल्म की रिलीज का रास्ता साफ हो गया है।
गुरुवार को एक्ट्रेस ने सोशल मीडिया के जरिए इस अपडेट की जानकारी दी। साथ ही बताया कि फिल्म की रिलीज डेट का एलान जल्द किया जाएगा।
कंगना रनोट की फिल्म काफी वक्त से सेंसर बोर्ड में अटकी पड़ी थी। फिल्म का ट्रेलर आने के बाद से इसको लेकर आपत्तियां जाहिर की जा रही थीं।
कुछ सिख संगठनों ने फिल्म के खिलाफ अदालत का रुख किया था, जिसके बाद इसकी रिलीज खटाई में पड़ गई थी। फिल्म 6 सितम्बर को सिनेमाघरों में उतरने वाली थी।
कंगना ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा- हमें यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि हमें हमारी फिल्म इमरजेंसी के लिए सेंसर सर्टिफिकेट मिल गया है।
हम जल्द रिलीज डेट की घोषणा करेंगे। आपके धैर्य और समर्थन के लिए शुक्रिया।
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We are glad to announce we have received the censor certificate for our movie Emergency, we will be announcing the release date soon. Thank you for your patience and support 🇮🇳
— Kangana Ranaut (@KanganaTeam) October 17, 2024
कंगना ने किया है फिल्म का निर्देशन
इमरजेंसी का निर्देशन कंगना रनोट ने किया है और इस फिल्म में उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की भूमिका भी निभाई है।
इमरजेंसी, 1975 में इंदिरा गांधी द्वारा लगाये गये आपातकाल की घटनाओं को दिखाती है। फिल्म में उस दौर के दिग्गज नेताओं के किरदार में कई जाने-माने कलाकार नजर आएंगे।
श्रेयस तलपड़े अटल बिहारी वाजपेयी की भूमिका में हैं तो अनुपम खेर जय प्रकाश नारायण का किरदार निभा रहे हैं, जो इमरजेंसी के विरोध का चेहरा बनकर उभरे थे।
दिवंगत सतीश कौशिक बाबू जगजीवन राम के किरदार में हैं, वहीं मिलिंद सोमन फील्डमार्शल सैम मानेकशॉ की भूमिका निभा रहे हैं।
क्यों नहीं मिल रहा था सेंसर सर्टिफिकेट?
सिख संगठनों की आपत्ति के बाद सेंसर बोर्ड ने फिल्म को प्रमाण पत्र जारी नहीं किया था, जिसके कारण यह रिलीज नहीं हो सकी। सिखों का कहना था कि फिल्म में दिखाये गये कुछ दृश्यों से समुदाय को आघात पहुंच सकता है।
इमरजेंसी के सह निर्माता जी स्टूडियोज ने इसके खिलाफ बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। उच्च न्यायालय ने सेंसर बोर्ड को 25 सितम्बर तक यह तय करने के लिए कहा था कि फिल्म को सर्टिफिकेट दिया जा सकता है या नहीं।
इसके बाद सेंसर बोर्ड ने अदालत को बताया कि फिल्म में कुछ बदलावों के बाद ही इसे सर्टिफाई किया जा सकता है, जिस पर मेकर्स राजी हो गये थे।